रायपुर। छत्तीसगढ़ के भूतपूर्व सैनिकों को राज्य सैनिक बोर्ड द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं के अलावा आर्थिक सहायता के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के रिकार्ड का भी डिजिटलाइजेशन किया जाएगा, जिससे भूतपूर्व सैनिकों को ऑफलाइन आवेदन करने में होने वाली परेशानियों से निजात मिलेगी. यह निर्णय राज्यपाल अनुसुईया उइके की अध्यक्षता में आयोजित राज्य सैनिक बोर्ड की अमलगेटेड स्पेशल फंड के राज्य प्रबंधन समिति की ऑनलाइन बैठक में लिया गया.

राजभवन में हुई इस बैठक में राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर सर्वाधिक धनराशि एकत्रित करने वाले कलेक्टर एवं जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों को गवर्नर ट्राफी से सम्मानित किया. राज्यपाल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि आज की बैठक में लिए गये निर्णय से भूतपूर्व सैनिकों, उनकी विधवाओं एवं उनके आश्रितों को अवश्य लाभ प्राप्त होगा. 14 मार्च 2020 को छत्तीसगढ़ की 26 वीर नारियों व माताओं का राजभवन में पहली बार सम्मान किया गया जो कि अत्यंत गर्व की बात है.

राज्यपाल ने कैंसर से पीड़ित भूतपूर्व सैनिकों की पत्नियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत चिन्हित अस्पतालों में तथा अन्य शासकीय अस्पतालों में इलाज कराने के भी निर्देश दिए. बैठक में कैंसर से पीड़ित भूतपूर्व सैनिकों की पत्नियों को दी जाने वाली सहायता राशि को 25 हजार रुपए निर्धारित करने का निर्णय लिया गया. राज्यपाल ने कहा कि इस बीमारी के इलाज में काफी धनराशि खर्च होती है. इस निर्णय से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी.

यही नहीं बैठक में भूतपूर्व सैनिकों के दिव्यांग बच्चों को दी जाने वाले सहायता राशि देने का दायरा बढ़ाया गया है. पहले केवल 100 प्रतिशत दिव्यांगता पर ही सहायता दी जाती है, लेकिन अब दिव्यांगता की विभिन्न श्रेणियों के तहत आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया. इसके तहत 100 प्रतिशत से कम दिव्यांगता होने पर 1500 रुपए, 50 प्रतिशत से कम में 700 रुपए और 25 प्रतिशत से कम में 500 रुपए प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान किया गया.

बैठक में भूतपूर्व सैनिक की मृत्यु पश्चात उनकी विधवा/उत्तराधिकारी को मिलने वाली मृत्यु अनुदान राशि को 15,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए किया गया है. वहीं भारतीय रक्षा सेवाओं में प्रवेश के लिए होने वाली सर्विस सलेक्शन बोर्ड परीक्षा के पूर्व प्रशिक्षण के लिए आर्थिक अनुदान 5,000 रुपए से बढ़ाकर 20,000 रुपए किया गया. सुश्री उइके ने कहा कि इससे बच्चों को कोचिंग प्राप्त करने में सुविधा होगी.

बैठक में भूतपूर्व सैनिकों की 75 वर्ष की आयु पूर्ण होने के पश्चात मिलने वाली 15,000 रुपए की सम्मान राशि में प्रति 10 वर्ष पश्चात 5,000 रुपए की बढ़ोतरी किये जाने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा बैठक में सामाजिक गतिविधियों और कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए कार्यालय के साथ एक हॉल मुहैया कराने तथा भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रावास को किराये पर लिये जाने का सुझाव दिया गया. राज्यपाल ने सुझाव पर गंभीरतापूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया.

बैठक में सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर वर्ष 2017 में सर्वाधिक धनराशि एकत्रित करने के लिए दुर्ग जिले के कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे को प्रथम पुरस्कार और रायपुर जिले के कलेक्टर एस. भारतीदासन को दूसरा पुरस्कार दिया गया. इसी तरह वर्ष 2018 में सर्वाधिक धनराशि एकत्रित करने के लिए रायपुर जिले के कलेक्टर एस. भारतीदासन को प्रथम पुरस्कार और दुर्ग जिले के कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे को दूसरा पुरस्कार दिया गया.