वीरेंद्र कुमार, नालंदा। दीपावली की रोशनी में जश्न का माहौल कब नफरत की आग में बदल गया, किसी ने सोचा भी नहीं था। नालंदा जिले के गिरियक थाना क्षेत्र के सतौआ गांव में पटाखे फोड़ने के मामूली विवाद ने रविवार की रात सांप्रदायिक तनाव का रूप ले लिया। देखते ही देखते दोनों समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए और गांव की गलियां रणभूमि में तब्दील हो गईं।

पटाखा बना फसाद की वजह

जानकारी के मुताबिक, सतौआ गांव स्थित सामुदायिक भवन के पास कुछ बच्चे दीपावली के मौके पर पटाखे फोड़ रहे थे। इसी दौरान एक पटाखा पास के दूसरे समुदाय के घर के समीप जा गिरा। इस मामूली घटना ने तूफान खड़ा कर दिया। आरोप है कि इससे नाराज दूसरे समुदाय के लोग लाठी, डंडा और ईंट-पत्थर लेकर मौके पर पहुंच गए और गाली-गलौज के बाद पथराव शुरू कर दिया। कुछ ही मिनटों में माहौल इतना बिगड़ गया कि दोनों ओर से जोरदार पत्थरबाजी होने लगी।

आधा दर्जन लोग घायल, पुलिस ने संभाली स्थिति

इस हिंसक झड़प में करीब आधा दर्जन लोग जख्मी हो गए हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोग अपने घरों के दरवाजे बंद कर भीतर दुबक गए। सूचना मिलते ही गिरियक थानाध्यक्ष श्रीकांत कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और हालात को काबू में लिया। उन्होंने बताया कि पटाखा फोड़ने को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और गांव में पुलिस कैंप कर रही है।

वायरल वीडियो पर मचा हंगामा, पुलिस कर रही जांच

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, हालांकि लल्लूराम डॉट कॉम इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। पुलिस प्रशासन पूरे मामले की जांच में जुटा है और गांव में अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

त्योहार की खुशियां बनीं तनाव की वजह

दीपावली के दिन जहां पूरा देश एकता और रोशनी का संदेश दे रहा था, वहीं नालंदा में नफरत की चिंगारी ने शांति और सौहार्द्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सवाल यह है कि क्या हमारी दीवाली अब डर और विभाजन की छाया में कैद होती जा रही है?

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