देवरिया. उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में बिहार के मुजफ्फरपुर कांड की तरह ही सननसीखेज मामला सामने आया है. जिले के मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सामाजिक सेवा संस्थान में रहने वाली एक लड़की ने आज महिला थाने में जो आपबीती सुनाई उसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया. ये मामला बिहार के मुजफ्फरपुर से मिलता जुलता नजर आ रहा है.
इसके तुरंत बाद महिला थाना के एसओ ने तत्काल एसपी को इसकी सूचना दी. एसपी रोहन पी कनय हरकत में आए और पुलिस फोर्स भेजकर मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सामाजिक सेवा संस्थान पर छापेमारी करवाई. जिसमें 42 लड़कियों में से 24 लडकियों को वहां से छुड़ा लिया गया और संस्था की संचालिका, उसके पति और बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है.
महिला थाने पहुंची लड़की ने जो आपबीती सुनाई है वह बिलकुल मुजफ्फरपुर कांड से मिलती जुलती है. लड़की ने कहा कि संस्था में एक दीदी हैं. उन्हें बड़ी मैम रात को कहीं भेजती थीं. कभी लाल गाड़ी तो कभी काली गाड़ी आती थी उनको ले जाने और जब दीदी सुबह में आती तो सिर्फ रोती थीं. कुछ भी पूछने पर बताती नहीं थी.
पुलिस का दावा है कि 18 बच्चे अब भी इस संस्था से गायब हैं, जिनके बारे में पता लगाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक रोहन पी. कनय ने बताया कि वहां के बच्चों से बातचीत हुई है। उन्होंने संस्था में रह रही 15 से 18 वर्ष की लड़कियों से अवैध कृत्य कराने की बात कही है। संस्था को सील कराते हुए वहां की अधीक्षका कंचनलता, संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, मोहन त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है
हम लोगों से झाड़ू पोछा करवाया जाता था. वहीं इस मामले पर डीपीओ देवरिया का कहना है कि मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सामाजिक सेवा संस्थान के खिलाफ अनिमियता पाई गई थी. उसके आधार पर इनकी मान्यता स्थगित कर दी गई थी. शासन से एक आदेश हुआ था कि सभी बच्चों को यहां से ट्रांसफर किया जाये, लेकिन बच्चों को जबरदस्ती अवैध तरीके से यहां रखा गया.