रायपुर। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा संतों के साथ भोजन करने को लेकर विवाद शुरु हो गया है. एससी वर्ग में आने वाले सतनामी समाज ने सवाल उठाया है कि उनके किसी धर्मगुरु को इसमें क्यों नहीं बुलाया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि इससे बीजेपी की असलियत सामने आ गई है.
आज दोपहर रायपुर में विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल के घर पर अमित शाह ने प्रदेश के सभी हिस्सों और समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 11 धर्मगुरुओं को सम्मानित किया और उनके साथ भोजन किया. जोगी कांग्रेस और सतनाम समाज के धर्मगुरुओं ने आरोप लगाया है कि इनमें कोई सतनाम संप्रदाय का नहीं था. 

क्या कहा सतनामी समाज ने

इस मसले पर बीजेपी से जुडे़ धर्मगुरु विजय गुरु ने कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया. न ही 10 जून को गिरौदपुरी में होने वाले कार्यक्रम का न्यौता मिला है. हांलाकि वो इसे गलत नहीं मानते. उनका कहना है कि ये पार्टी का निर्णय था कि किसे वो बुलाएं और किसे न बुलाएं. लेकिन समाज के दूसरे धर्मगुरुओं और नेताओं को इससे आपत्ति है.

प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज ने एक प्रेस रीलिज़ जारी करके आरोप लगाया है कि अलग-अलग पार्टी प्रमुख अनुसूचित जाति-जनजाति के घरों में खाना खाकर मीडिया में खूब प्रचारित करते इसका राजनीतिक लाभ लेते हैं. लेकिन सवर्ण या पार्टी प्रमुख के कार्यक्रम में इन जाति समूह वर्ग को भोजन के आमंत्रण में उपेक्षित किया जाता है. इससे वो आहत महसूस करते हैं. प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से कहा है कि वो केवल गिरौदपुरी दर्शन करने जाएं कोई राजनीतिक आयोजन न करे वरना समाज सड़क से लेकर संसद तक इसका विरोध करेगी.

कांग्रेस से जुड़े सतनामी धर्म गुरु रुद्रगुरु ने भी इसमें सतनामी समाज के किसी को न बुलाए जाने को समाज का अपमान बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष राजनीतिक लाभ के लिए गिरौदपुरी जा रहे हैं. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से पूछा है कि उन्होंने किसी सतनामी धर्मगुरु को क्यों नहीं बुलाया.

 

क्या कहा राजनीतिक पार्टियों ने

इस मसले पर राजनीतिक दलों से भी तीखी प्रतिक्रिया आई है. सतनामी वोटबैक पर तगड़ी पकड़ रखने वाले छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अजीत जोगी ने कहा है कि बीजेपी के इस कृत्य से उन्हें वेदना है. अमित शाह ने समाज की अवहेलना की है. बीजेपी को पता है कि सतनामी वोट उन्हें नहीं मिलेंगे इसलिए उन्होंने लंच में उनके धर्मगुरु को नहीं बुलाया.

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा और टीएस सिंहदेव ने इसे बीजेपी का सतनामियों के प्रति भेदभाव वाला चरित्र करार दिया है. सत्यानारायण ने कहा कि सतनाम समाज में इस घटना को लेकर गुस्सा है और बीजेपी ने उन्हें भोजन पर न बुलाकर समाज का अपमान किया है. वहीं टीएस सिंहदेव ने कहा कि हाथी के दांत दिखाने के कुछ और खाने के कुछ और होते हैं. बीजेपी के लोगों में सतनामियों के प्रति भेदभाव है. इससे ये सच्चाई सामने आ गई है कि इनके मन में क्या है.  ये लोग जैसा दिखाते हैं वैसे हैं नहीं. ये सतनामी समाज का उपयोग और इस्तेमाल करते हैं.

 

पार्टी प्रवक्ता सचिदानंद उपासने से बात की गई तो उन्होंने इस कार्यक्रम के बारे में किसी भी जानकारी होने से इंकार किया.

 

बताया जा रहा है कि लंच का कार्यक्रम पार्टी के बड़े नेताओं ने तय किया था इसलिए बाकी नेताओं को इसके बारे में जानकारी नहीं है.