Indian Air Force News: भारतीय वायु सेना ने ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को पश्चिमी सेक्टर में फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान के लिए चुना है। यह पहला मौका है जब किसी महिला अधिकारी को इस यूनिट की कमान मिली है। बता दें कि भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन सेना में कर्नल के बराबर होता है।

शालिजा धामी पंजाब की रहने वाली हैं

शालिजा पंजाब के लुधियाना की रहने वाली हैं। उसने लुधियाना में पढ़ाई भी की है। उनका एक बेटा भी है। शालिजा चेतक और चीता हेलिकॉप्टर उड़ा रही हैं। उनके नाम कई रिकॉर्ड भी दर्ज हैं।

ग्रुप कैप्टन धामी को 2800 घंटे की उड़ान का अनुभव है

ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी एक योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं। उन्हें 2003 में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था। उनके पास 2800 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है। उन्होंने पश्चिमी सेक्टर में एक यूनिट के फ्लाइट कमांडर के रूप में भी काम किया है। फिलहाल वह फ्रंटलाइन कमांड हेडक्वार्टर की ऑपरेशन ब्रांच में तैनात हैं।

अब जानिए भारतीय वायुसेना में महिलाओं को कब शामिल किया गया ?

1994 में पहली बार भारतीय वायुसेना में महिलाओं को शामिल किया गया था। लेकिन तब उन्हें नॉन कॉम्बैट रोल दिया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद वायुसेना में महिलाओं को पुरुषों के बराबर कमीशन पाने का अधिकार मिला.

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