Shani Pradosh Vrat: हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक वर्ष में कुल 24 प्रदोष त्रयोदशी तिथियां होती हैं. त्रयोदशी का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. वैदिक पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन पड़ती है इसलिए इसका महत्व बढ़ जाता है. शनिवार को कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि होने से प्रदोष व्रत करने से जीवन में चल रही सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी. इस दिन भोलेनाथ की पूजा, दान आदि करने से विशेष लाभ मिलेगा.
28 दिसंबर को पौष कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर शनि प्रदोष व्रत करना विशेष फलदायी रहेगा. जो लोग शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में हैं, वे इस दिन त्रयोदशी व्रत रखें और भगवान शिव को दान करें तो उन्हें विशेष फल मिलेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन प्रदोष व्रत रखने से सभी 12 राशियों को शनिदेव के कष्टों से मुक्ति मिलती है.
पूजा विधि (Shani Pradosh Vrat)
इस दिन स्नान करें और भगवान भोलेनाथ के लिए त्रयोदशी व्रत करने का संकल्प लें. शिवलिंग पर दूध, गंगाजल, शहद, फूल आदि चढ़ाएं. साथ ही शनिदेव का बीज मंत्र ॐ प्रां प्रेमं सः शनैश्चराय नमः. इसका जाप 108 बार करें. व्रत के नियमों का पालन करते हुए पूरे दिन फल खाएं. सरसों के तेल का दीपक जलाएं और हाथ जोड़कर शनिदेव का ध्यान करें और फिर शनिदेव के निमित्त किसी गरीब, असहाय व्यक्ति को काले तिल, नीले वस्त्र, कलावा या नीला कंबल आदि दान करें.
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