नितिन नामदेव, रायपुर. ज्योतिषपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती आज रायपुर पहुंचे. वे बेमेतरा और कवर्धा में आयोजित कार्यक्रमों में सम्मिलित होंगे. इस दौरान उन्होंने गाय और नक्सलियों को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में गौहत्या हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है. हम छत्तीसगढ़ सरकार से गोमाता को राजमाता का दर्जा देने मांग करेंगे. जिससे केंद्र सरकार भी गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दे सके. आजादी का अमृतकाल चल रहा गौहत्या बंद नहीं हुई. जो गौ हत्यारी दलों के साथ होगा उसे हिंदू नहीं मानेंगे. गौ हत्यारी पार्टियों को जो वोट देंगे वह गौहत्या के पाप के भागी होंगे.

वहीं नक्सलियों को लेकर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लोग नक्सलवाद को बढ़ावा अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए दे रहे हैं.
नक्सलियों से परायापन हटाना पड़ेगा और बातचीत करनी पड़ेगी. उनको मुख्यधारा में सम्मिलित करना पड़ेगा. संवाद स्थापित कर नक्सलियों के मन की गलत फैमियों को दूर करना पड़ेगा. नक्सलियों को भड़काने वाले नेताओं के ऊपर कड़ाई करनी पड़ेगी.

गौ हत्या बंद करने का शपथ पत्र दें- शंकराचार्य

लोकसभा को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव आने वाले हैं. इसलिए हम अमृत महोत्सव आजादी का मान रहे हैं. देश वाले भी और प्रदेश वाले भी. हम किसी पार्टी को ध्यान में रखकर नहीं बोल रहे हैं. हम चुनाव को ध्यान में रखकर के बोल रहे हैं. अपने हिंदू भाइयों को सनातन धर्मियों को ध्यान में रख करके बोल रहे हैं. गौ माता का मुद्दा हमारा बहुत पुराना मुद्दा है. हमारे जाने कितने लोगों ने गौ माता के लिए अपना बलिदान दिया है. देश की आजादी भी गौ माता के लिए हुई थी. मंगल पांडे को जब कहा गया कि कारतूस को मुंह से खोलो, लेकिन उसमें गाय की चर्बी थी तो उन्होंने मना कर दिया. चर्बी से ही अंग्रेजों की क्रांति हुई थी.
गाय का बड़ा योगदान है. उसी गाय की हत्या भी देश में हो रही है. तब तक सब राजनीति बेकार है. इसलिए हम लोगों ने तय किया है कि गो संसद करके हम प्रयाग से चले आ रहे हैं. 6 तारीख को वहां विराट गांव संसद हुई है. उसमें प्रस्ताव पारित हुआ है कि जो भी व्यक्ति गाय की हत्या से किसी भी रूप से जुड़ा हुआ है. इसको हम हिंदू कहना बंद करेंगे. उसके साथ संबंध समाप्त करेंगे और साथ ही साथ यह कहा है कि गौ हत्यारी पार्टियों को जो जनता हिंदू जनता को वोट देगी वो भी पाप के भागीदारी होंगे. इसलिए चुनाव के पहले हम सभी राजनीतिक दलों से जो भी पार्टी चुनाव आयोग में पंजीकृत है उनसे कहना चाहते हैं कि शपथ पत्र दीजिए कि आप सत्ता में आए तो सबसे पहले काम आप यह करेंगे की गौ हत्या के कलंक को हम हमारे माथे से मिटाएंगे. यह कर सकते हैं तो स्वागत है. नहीं तो हम समझेंगे कि आप हमारे विरोधी हैं.

उन्होंने आगे कहा कि जहां गायों के साथ अत्याचार हो रहा है वहां भी जाएंगे. यह गौ भक्त प्रदेश है. यहां गाय के प्रति अन्याय नहीं होता है. इसलिए हम चाहते हैं कि उन्हें पूर्ण रूप से संरक्षित किया जाए. इसीलिए हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार उनको राज्य माता घोषित करे. जिससे राष्ट्र माता घोषित करने में केंद्र सरकार को सुविधा हो.

ज्ञानव्यापी पर बोले शंकराचार्य

ज्ञानव्यापी में पूजा शुरू होने पर उन्होंने कहा कि इसी तरह की जितनी भी व्यापियां हैं, जहां-जहां हमारे साथ अत्याचार हुआ है, वहां-वहां हम फिर से जाएंगे. जाकर अपनी पूजा अर्चना प्रारंभ करेंगे. यह हिंदुओं का अधिकार है. हमारे ऊपर अत्याचार कर दिया जब तक हम नहीं बोल रहे थे नहीं बोल रहे थे. बोलेंगे तो हमारी अपनी शक्ति है. हमारा अधिकार बनता है कि हम अपने पुराने स्थान को वापस लें. इसमें खराबी क्या है.

राजनीति में धर्म का प्रयोग

राजनीति में धर्म के प्रयोग को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि राजनीतिक लोग अपने लाभ के लिए कर रहे हैं. जो भी मुद्दा लोगों के मन में होता है उसका प्रयोग करते हैं. राजनीतिक लोग धर्म का प्रयोग राजनीतिक लिए कर रहे हैं. इसका मतलब है
जो भारत की जनता है उसके मन में धर्म प्रमुखता से छाया हुआ है. धार्मिक मामले उसके दिमाग में घुसते रहते हैं. इसीलिए राजनीतिक लोग इसका लाभ लेने के लिए धर्म का प्रयोग राजनीति में करते हैं. धर्म को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि जहां वैमनस्यता फैले, कटुता फैले, विद्वेष फैले, अलगाव जारी हो इसका मतलब है वह धर्म नहीं है. धर्म तो सीमेंट है. जो दो ईटों को जोड़कर के एक बनाने का काम करता है. लेकिन यदि किसी कारण से देश में विद्वेष फैल रहा है, तो वह धर्म नहीं है. वह धर्म के नाम पर अधर्म है.

चंदखुरी से श्रीराम की मूर्ति बदलने पर बोले शंकराचार्य

चंदखुरी कोशल्या माता मंदिर में भगवान राम की मूर्ति बदले जाने के बयान पर अविमुक्तेश्वरानंद महराज ने कहा कि जिस समय देवता प्रतिष्ठा होते हैं उस समय जो मूर्ति होती है उस पर उसी समय विचार होता है. एक बार प्रतिष्ठित होने के बाद फिर हम श्रृंगार करके जो कोई कमी भी है उसे दूर कर देते हैं. भगवान जहां विराजमान हो जाते हैं तो उसका सब कुछ मधुर है. जहां भगवान विराजमान हो जाएंगे वहां सौंदर्य ही सौंदर्य होगा. विराजमान भगवान के अंदर अगर कोई सौंदर्य नहीं दिख रहा है तो अपने आंखों की ही खोट कही जाएगी.

नशे को लेकर शंकराचार्य का बयान

नशे को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार शराब पिला रही है. जब लॉकडाउन लगा था सबसे पहले शराब की दुकान खोली गई थी. सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है. तो सरकार अपने तथ्यों के लिए जिसके कारण अपराध बढ़ता है उसको बढ़ा रही है.
तो सबसे पहले सरकार उसे ही बंद करे. बाद में हम दूसरों से बात करेंगे.

एक धर्म की राजनीति कर ही रहे हैं, एक को जाति की करना है- शंकराचार्य

राजनीति में जाति जनगणना को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि जातिगत जनगणना क्यों करना चाहते हैं. आप एक तरफ कहते हैं
कि हम भारत के निवासी सब एक हैं. रंग रूप भेद वेशभूषा चाहे अनेक हैं. भारत में रहने वाले सब हम एक हैं. तो उनका व्यक्तिगत रूप से कोई जाति मान रहा है तो मानने दो. उसके अनुसार अपना जीवन यापन कर रहा है. पूजा पाठ कर रहा है, विवाह संस्कार आदि कर रहा है तो उसको करने दो. इन राजनेताओं को जाति की राजनीति इनको करना है. धर्म की राजनीति एक कर ही रहे हैं, एक को जाति की राजनीति करना है. यह राजनीति ठीक नहीं है. व्यक्तिगत अन्याय के लिए अपने स्वयं के लिए करते हैं. व्यक्ति के विकास के लिए वर्ण व्यवस्था बनाई गई. व्यवस्था के लिए जाति का निर्माण किया गया है. राजनीति के लिए जाति का निर्माण नहीं किया गया है. इसलिए राजनीति के कारण जातिगत जनगणना उचित नहीं है.

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