Kedarnath temple Gold Controversy: केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना (228 kg gold) गायब होने के मामले और दिल्ली में केदारनाथ की तरह मंदिर बनाने के मामले में गोवर्धनमठ पीठ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती (shankaracharya Nischalananda Saraswati) और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (shankaracharya avimukteshwaranand saraswati) आमने-सामने हो गए हैं। निश्चलानंद सरस्वती ने अविमुक्तेश्वरानंद के दावे को झूठा करार दिया है। साथ ही तथ्यों के बिना कुछ भी आरोप नहीं लगाने की नसीहत दी है।
गुरुवार को पुरी जाने से पहले रायपुर रेलवे स्टेशन पर मीडिया से बात करते हुए शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब होने के मामले को झूठा करार देते हुए कहा कि भ्रम फैलाया जा रहा है। मंदिर में इतना सोना कभी नहीं था। कैदारनाथ मंदिर ट्रस्ट ने भी बताया दिया है कि गर्भगृह में तांबे की प्लेट पर सोने की परत चढ़ाई गई है। यह सोना भी दान में मिला था। उन्होंने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर इशारों में निसाना साधते हुए कहा कि जो बिना सोचे-समझे और बगैर तथ्यों को जाने बोल रहे हैं। उन्हें इसका सबूत भी देना चाहिए।
वहीं शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने जगन्नाथ पुरी के खजाने को बिना उनके सलाह के खोले जाने पर नाराजगी जताई। शंकराचार्य ने कहा कि ओडिशा में कभी भी शासन खजाने को खोलने से पहले उन्हें ना तो जानकारी देता है और ना ही किसी प्रकार की सलाह ली है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। वहीं सुप्रीम कोर्ट का साफ आदेश है कि वहां शंकराचार्य के परामर्श से सभी कार्य होने चाहिए। हालांकि मुझे इसकी परवाह नहीं है।
दिल्ली में बनने वाले केदारनाथ मंदिर का बदला जाएगा नाम
वहीं दिल्ली में बनने वाले केदारनाथ मंदिर पर गोवर्धनमठ पीठ पुरी के शंकराचार्य ने कहा कि असल और नकल में कभी भी भ्रम हो सकता है। हालांकि देश में ऐसे अनेक धार्मिक स्थल है। दिल्ली में बनवाया जा रहा मंदिर केदारनाथ की अनुकृति है। भविष्य में असली और नकली को लेकर संदेह हो सकता है। इसी कारण केरानाथ मंदिर के ट्रस्टियों ने दिल्ली में बन रहे मंदिर के नाम को बदलने की घोषणा कर दी है।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला वर्ष 2022 का है। महाराष्ट्र के दानीदाता लखी परिवार के सहयोग से द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों को काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर की तरह केदारनाथ को स्वर्णमंडित किया गया था। तब तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने सोने की जगह तांबे की प्लेट लगाने का आरोप लगाते हुए डेढ़ अरब के घोटाले का आरोप लगाया था जिसकी वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई थी। यह वीडियो सामने आने के बाद श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति (बीकेटीसी) ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने पर इंटरनेट मीडिया में फैलाये जा रहे भ्रम को षड्यंत्र का हिस्सा बताया।अब ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब होने का दावा किया है।
दानीदाता ने ही तांबे की प्लेटें तैयार करवाकर सोने की परत चढवाई थी
तब तत्कालीन मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया था कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रविधानों के अनुरूप ही दानीदाता से दान स्वीकारा गया है। दानीदाता ने अपने स्तर से पहले ज्वेलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार करवाई व फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई और अपने ज्वेलर्स के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित कराया।इस दौरान पुर्ननिर्माण कार्यों के निरीक्षण को आए विशेष कार्याधिकारी भाष्कर खुल्वे व पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने भी सोने की परत लगाने वाले कारगीरों से जानकारी ली थी और इस कार्य पर संतोष जताया था।
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