ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महराज ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) का मतलब क्या है ? हिंदू को हिंदू रहने दिया जाएगा कि नहीं, मुस्लमान को मुस्लमान रहने दिया जाएगा कि नहीं? समानता के चक्कर में जैसे अगर कहें कि मनुष्य और बंदरों को इकट्ठा करना है, तो बंदर की पूंछ काट दो. जो मनुष्य है उसकी नाक काट दो. फिर दोनों समान हो जाएंगे. एक जैसा चेहरा दिखने लगेगा. ये तो कोई बात नहीं है ना. इसलिए हमको हमारे धर्म के अनुसार रहने की छूट होनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें : रत्न जड़ित रजत हिंडोले पर रामलला : 21 किलो चांदी के झूले में भाइयों के साथ विराजमान हुए श्रीराम, आप भी करिए दर्शन

उन्होंने आगे कहा कि अगर हमको इसमें कोई बाधा आ जाती है, और केवल इसलिए कि उनके साथ तुमको रहना है इसलिए इतना समझौता तुमको धर्म के साथ करना पड़ेगा. ये कैसी बात है. इसको हम नहीं समझ पाते हैं. इसलिए केवल अमुक के साथ रहने के लिए हमको अगर धर्म से समझौता करना पड़ेगा तो ये कहां तक उचित होगा ?

शंकराचार्य ने आगे कहा कि ये विचार करने की बात है. इसलिए हमको हमारे धर्म के पालन की छूट हो. बाकी आप देश में व्यवस्था बनाने के लिए जो राजनेता करना चाहें करें. हमें कोई आपत्ति नहीं है.