Share Market Investment: 31 मई 2019 को 355 रुपये के निचले स्तर से शेयर बाजार के निवेशकों को 1302 फीसदी का बंपर रिटर्न देने वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. फ्रांस ने भारत के साथ 50000 करोड़ रुपये के राफेल मरीन फाइटर जेट सौदे पर बातचीत शुरू कर दी है.

एक फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल ने भारत के रक्षा मंत्री से मुलाकात कर इस पर चर्चा शुरू कर दी है. 26 राफेल मरीन फाइटर जेट का यह सौदा जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। एक फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में भारत के रक्षा मंत्रालय से मुलाकात कर भारतीय नौसेना की इस खरीद पर बातचीत को आगे बढ़ाने के मूड में है.

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इस खबर के सामने आने के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के शेयरों में बंपर तेजी देखी जा रही है. रक्षा उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि इस विमान को नौसेना के दोनों विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत से लॉन्च किया जा सकता है. सरकारी सूत्रों ने बताया है कि राफेल सौदे पर बातचीत जल्द ही पूरी हो सकती है.

इस संबंध में दोनों पक्ष एक समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. फ्रांस ने दिसंबर में 26 राफेल मरीन जेट के लिए भारत की बोली का जवाब दिया था. भारतीय अधिकारियों ने फ्रांस की बोली का अध्ययन किया है और वाणिज्यिक प्रस्तावों और अन्य अनुबंध विवरणों पर भी चर्चा की है. यह बातचीत सरकार से सरकार के बीच अनुबंध की तरह की जा रही है, जिसमें भारतीय अधिकारी फ्रांसीसी अधिकारियों के साथ गहन चर्चा के बाद समझौते को अंतिम रूप दे सकते हैं.

नासिक इकाई ने बनाया रिकॉर्ड

इसके साथ ही खबर यह भी सामने आई है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की नासिक इकाई ने 1 साल में 24 तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का काम पूरा कर लिया है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को एकीकृत कर लिया है और भारत को दो दशक बाद पहली बार यह सफलता मिली है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने 40 तेजस मार्क 1 लड़ाकू विमान विकसित किए थे जिन्हें सेवा में शामिल कर लिया गया है.

मोदी सरकार में रॉकेट बनेंगे शेयर

एयरोस्पेस और रक्षा कारोबार में भारत की अग्रणी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के पास मार्च तिमाही तक 94 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं. एग्जिट पोल के नतीजों के बाद मोदी सरकार के सत्ता में लौटने और नीतियों व सुधारों की गति बढ़ने की उम्मीद है, जिससे भारत को रक्षा विनिर्माण कारोबार में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी. यही वजह है कि शेयर बाजार के कारोबारी और विशेषज्ञ इस कंपनी पर जमकर दांव लगा रहे हैं.