नई दिल्ली: एलसिड इन्वेस्टमेंट्स (Elcid Investments) नाम के स्मॉलकैप शेयर ने शेयर बाजार में इतिहास रच दिया है. कंपनी के शेयर का दाम सिर्फ 3.53 रुपये से बढ़कर 2,36,250 रुपये हो गया. यह एक दिन में 66,92,535% की बढ़ोतरी है. इसके पहले यह कभी नहीं देखा गया. Elcid अब भारत का सबसे महंगा शेयर बन गया है. इसने MRF के 1.2 लाख रुपये के भाव को भी पीछे छोड़ दिया है.
शेयर की कीमत में अचानक उछाल क्यों
2,00,000 शेयर पूंजी के साथ एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स के पास एशियन पेंट्स लिमिटेड में 2,83,13,860 इक्विटी शेयर या 2.95 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत पिछले क्लोजिंग प्राइस के अनुसार लगभग 8,500 करोड़ रुपये है. यही एकमात्र कारण है जो इस शेयर को शेयर बाजारों में इतनी अधिक कीमत पर बेचता है. बता दें, 2.36 लाख रुपये प्रति शेयर पर कारोबार करने के बावजूद, शेयर अभी भी एशियन पेंट्स में अपनी हिस्सेदारी के आधार पर 4.25 लाख रुपये प्रति शेयर के अपने आंतरिक शेयर प्राइस से लगभग 45 प्रतिशत छूट पर कारोबार कर रहा है.
Asian Paints में 1.28% हिस्सेदारी
Elcid Investments की Asian Paints में 1.28% हिस्सेदारी है. इसका मूल्य 3,616 करोड़ रुपये है. यह Elcid के कुल मार्केट कैप का 80% है. 2.3 लाख रुपये प्रति शेयर पर भी Elcid सिर्फ 0.38 के प्राइस-टू-बुक मल्टीपल पर कारोबार करता है. सिर्फ 4,725 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ Elcid अब भारत का सबसे महंगा शेयर (2.36 लाख रुपये प्रति शेयर) है. अब तक, MRF ही भारत का एकमात्र ऐसा शेयर था, जिसका प्रति शेयर मूल्य 1 लाख रुपये से अधिक था. निवेशकों को ध्यान देना चाहिए कि शेयर की कीमत और वैल्यूएशन अलग-अलग अवधारणाएं हैं. ऊंचे शेयर मूल्य का मतलब महंगा होना नहीं है, ठीक उसी तरह जैसे कम शेयर मूल्य का मतलब सीधे तौर पर सस्ता होना नहीं है.
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