सत्या राजपूत, रायपुर। राजधानी रायपुर के टिकरापारा स्थित गुडविल हॉस्पिटल में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां जन्म लेने के कुछ घंटे बाद एक नवजात की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही और डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के चलते बच्चा दुनिया में आते ही दम तोड़ दिया। परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

परिजनों ने बताया कि वे आठ महीने की गर्भवती आकांक्षा जायसवाल की सामान्य जांच के लिए हॉस्पिटल आए थे। जांच के बाद डॉक्टरों ने कहा कि तुरंत ऑपरेशन करना होगा, नहीं हुआ तो कुछ भी हो सकता है। इसके बाद रात करीब 9 से साढ़े नौ बजे के बीच ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद प्रीमैच्योर बेबी को निगरानी में रखने के बजाय सिर्फ कपड़े में लपेटकर हमें सौंप दिया गया। जब उन्होंने बच्चे की हालत पूछी तो बताया गया कि सब ठीक है बच्चा तंदुरुस्त है।

मृतक शिशु की बुआ ने बताया कि ऑपरेशन के बाद सभी डॉक्टर हॉस्पिटल से चले गए थे। हॉस्पिटल में कोई डॉक्टर नहीं था। बार-बार नर्स को बोलने के बाद भी कोई डॉक्टर नहीं पहुंचे। शिशु रो रहा था लेकिन खुलकर आवाज़ नहीं आ रही थी, कुछ फंसा है ऐसा लग रहा था। कई बार हमने डॉक्टरों को बुलाया लेकिन कोई नहीं आया और लगभग 4 बजे बच्चे की मौत हो गई। हॉस्पिटल प्रबंधन की इतनी बड़ी लापरवाही है। ऑपरेशन हुआ है, बच्चा प्रीमैच्योर है, ऐसे में शिशु रोग विशेषज्ञ और प्रसूति एवं महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की तैनाती होनी चाहिए थी, जो नहीं थी।

साथ ही बताया कि जो नर्स ड्यूटी में तैनात थी, उन्होंने एक पाउडर लाया और उसे इंजेक्शन के माध्यम से शिशु को खिलाने को कहा। फिर उन्होंने नर्स से कहा कि आप करो, हमसे नहीं बनेगा, तो वह कहती रही, मुझे डर लगता है, मैं नहीं कर सकती।

वहीं मृतक शिशु की दादी ने हॉस्पिटल प्रबंधन और डॉक्टर-नर्स पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि छह साल बाद मेरी बहू मां बनी, उसको भी हॉस्पिटल प्रबंधन, डॉक्टर और नर्स ने मार दिया। ऐसा किसी और के साथ न हो, इसीलिए हॉस्पिटल, हॉस्पिटल प्रबंधन, ड्यूटी में रही नर्स और ड्यूटी से अनुपस्थित रहे डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

हॉस्पिटल प्रबंधन ने CCTV देने से किया मना

मृतक नवजात शिशु के परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन से CCTV फुटेज मांगा, लेकिन उन्हें साफ़ मना कर दिया गया। वहीं मौजूद मीडिया कर्मियों ने हॉस्पिटल के दावों के आधार पर CCTV फुटेज दिखाने की बात कही, तो हॉस्पिटल प्रबंधन भागते नजर आए। भागते हुए यह भी कहा कि ऐसे-वैसे किसी को CCTV फुटेज कैसे दिखा सकते हैं।

CCTV जांच होने पर दूध का दूध और पानी का पानी होगा

हॉस्पिटल प्रबंधन को दोषी बताते हुए परिजनों ने कहा कि हॉस्पिटल प्रबंधन वाले सरासर झूठ बोल रहे हैं। हॉस्पिटल में लगे CCTV की जांच की जाए तो पता चल जाएगा कौन थे, कौन नहीं थे, रात में कितनी बार हम बुलाने गए हैं, नर्सों को बोला गया है ये सब CCTV में दिख जाएगा।

पुलिस और CMHO से शिकायत

नवजात शिशु की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी रायपुर और टिकरापारा थाना प्रभारी से शिकायत की है।

हॉस्पिटल प्रबंधन का बयान

वहीं गुडविल हॉस्पिटल के एडमिनिस्ट्रेटर टीकेंद्र साहू ने कहा कि इसमें हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। यह बच्चा स्वस्थ और तंदुरुस्त पैदा हुआ था। मौत कैसे हुई है, हम यह नहीं बता सकते। एक MBBS डॉक्टर रात में तैनात थे, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं थे। यह मरीज प्राइवेट वार्ड में भर्ती था, इसलिए वहाँ बार-बार डॉक्टर या नर्स नहीं जाते। इमरजेंसी होने पर वहां कॉल और बेल की सुविधा रखी गई है।

डॉक्टर सत्यजीत साहू ने कहा मरीज़ शाम को आई थी जांच करने के बाद ऑपरेशन का सुझाव दिया गया. नौ साढ़े नौ के बीच में ऑपरेशन हुआ. स्वस्थ तंदुरुस्त बच्चे को प्रोटोकॉल के बाद परिजनों को हैंडओवर कर दिया गया. देर रात चार बजे के लगभग बच्चे का तबियत बिगड़ने की जानकारी मिली. डॉक्टरों ने ICU में भर्ती किया और इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. इंटेंसिव केयर में MBBS डॉक्टर अजय की ड्यूटी थी, स्त्री रोग विशेषज्ञ और शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं थे.

नवजात शिशु की मौत को लेकर होगी जांच

मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मिथिलेश चौधरी ने कहा कि मामले की जांच होगी। हॉस्पिटल टीम भेजकर जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।