होली के सातेवें दिन पड़ने वाली शीतला सप्तमी तिथि को शीतलामाता की पूजा की जाती है.मान्यता है कि देवी मां की आराधना करने से व्यक्ति को किसी प्रकार के शारीरिक एवं अन्य कष्ट नहीं होते हैं. इस बार यह पर्व 14 मार्च यानि आज मनाया जा रहा है.

शीतलामाता को ठंडी चीजें पसंद है. इसलिए शीतला सप्तमी के दिन देवी मां की मूर्ति पर भी ठंडा पानी चढ़ाना चाहिए. इस दिन नारंगी रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करना शुभ माना जाता है. क्योंकि इसे माता का प्रिय रंग माना जाता है. शीतला सप्तमी के दिन माता को संतरा और खट्टे फल चढ़ाना अच्छा माना जाता है. आज के दिन नीम के पेड़ पर जल चढ़ाने और ऊं शीतला मात्रै नम: मंत्र का जप करने से व्यक्ति को प्राकृतिक प्रकोप की बीमारियों का भय नहीं होता. जैसे चिकन पॉक्स, दाने, प्लेग या कोरोना आदि नहीं होता है. Read More – Madhuri Dixit की मां का हुआ निधन, एक्ट्रेस ने खुद दी जानकारी …

शीतला माता की पूजा के लिए दोपहर का समय अच्छा माना जाता है. इसलिए उनकी आराधना दिन में 12 बजे करें. देवी मां को पूजा के समय बासी (ठंडा) भोजन का भोग लगाया जाता है. इस दिन उन्हें पुआ, पूरी, दाल-चावल और मिठाई चढ़ाएं. शीतला माता को सुगंधित पुष्प, नीम के पत्ते और इत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है. क्योंकि माता को सुगंधित चीजें आकर्षित करती हैं, इससे मां की आप पर हमेशा कृपा बनी रहेगी. चूंकि शीतला सप्तमी के दिन चूल्हा नहीं जलता है, इसलिए देवी मां को लगाया जाने वाला भोग व्रत के एक दिन पहले ही बना लिया जाता है. Read More – मैनेजर को याद आए Satish Kaushik के आखिरी लफ्ज, एक्टर ने कहा था ”मैं मरना नहीं चाहता, मुझे बचा लो” …

शीतला माता को चावल और घी मिलाकर चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती हैं. इससे आपके घर में हमेशा बरक्कत होगी. शीतला सप्तमी पर ठंडा एक दिन पहले बना भोजन चढ़ाए जाने का एक वैज्ञानिक कारण भी है. माना जाता है गर्मियों में ठंडा खाना खाने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है. इससे शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है.