रायपुर। राज्य सरकार के खर्चों को बचाने के लिए मुख्य सचिव आरपी मंडल ने एक अच्छी पहल की है. मंडल ने अपना रैन बसेरा मकर संक्रांति के दिन रायपुर से उठाकर नवा रायपुर में शिफ्ट कर लिया है. अब वो यही रहेंगे. साथ ही अपने सरकारी कार के लिए 240 की जगह केवल 80 लीटर ईंधन लेने की बात भी उन्होंने कही है. ऐसे में अब बाकी अफसरों का भी वहां शिफ्ट होने का सिलसिला शुरू हो सकता है.

दरअसल सीएम भूपेश बघेल ने गैरजरूरी सरकारी खर्च में कटौती और मितव्ययिता बरतने के निर्देश दिए थे. लेकिन धरातल में ऐसा होता नहीं दिख रहा है. इतना ही नहीं अफसरों के रायपुर से रोजाना 30 किमी दूर नवा रायपुर आने जाने में हर साल साढे 8 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं. बता दें कि सरकार के सभी अफसर अभी सिविल लाइंस, देवेंद्रनगर, शंकरनगर और आस-पास की कालोनियों में रहते हैं. यहीं से वो आना-जाना करते हैं.

एनआरडीए प्रशासन ने नवा रायपुर के सेक्टर-17 में आईएएस, आईपीएस और आईपीएस में भी सेक्रेटरी रैंक के अफसरों के लिए डी-टाइप बंगले बनवाए हैं. इनमें से 120 बंगले खाली पड़े हैं. इसी सेक्टर में सीएस मंडल शिफ्ट हुए हैं. यह सेक्टर मंत्रालय से महज 2-3 किमी ही दूर है.

आपको बता दें कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में मंत्रालय नवा रायपुर में शिफ्ट किया गया था. मकानों का निर्माण भी हो चुका था, लेकिन आज तक कोई भी अधिकारी वहां रहने नहीं गया. अब मुख्य सचिव आरपी मंडल के वहां शिफ्ट होने से, ऐसा माना जा रहा है कि बाकी अफसर भी वहां रहने जा सकते हैं.