नई दिल्ली। आज महाशिवरात्रि का पर्व है. दिल्ली-NCR के शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए लगा हुआ है. इस बार महाशिवरात्रि पर्व पंचग्रही योग मकर राशि पर बन रहा है. इसके साथ ही मकर राशि पर चंद्रमा, मंगल, बुध, शुक्र और शनि की युति बन रही है, ऐसा संयोग प्राय: 65 वर्ष बाद प्राप्त हो रहा है. कहा जाता है कि भगवान शिव बहुत भोले हैं और सिर्फ एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं. महाशिवरात्रि पर जो भक्त सच्चे मन से भोले बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं, उनके सभी कष्टों का निवारण हो जाता है.

महाशिवरात्रि 2022 : जानिए क्यों कहा जाता है भगवान शिव को प्रलय का देवता, क्या है इसके पीछे की मान्यता …

 

दिल्ली-NCR के वे शिव मंदिर जिनका है खास महात्म्य

गौरी शंकर मंदिर- प्राचीन गौरी शंकर मंदिर दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित है. इस मंदिर को 800 साल पुराना बताया जाता है. इस मंदिर के लिए कहा जाता है कि इसे एक मराठा सिपाही ने बनवाया था. दरअसल मराठा सिपाही भगवान शिव के भक्त थे. वे एक बार युद्ध में काफी घायल हो गए तो उन्होंने मन्नत मांगी कि अगर वे जीवित रहे, तो भगवान शिव का भव्य मंदिर बनवाएंगे. जब वे ठीक हुए तो उन्होंने गौरी शंकर का भव्य मंदिर बनवाया. इस मंदिर में रोज श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. खासतौर पर महाशिवरात्रि और सावन मास की सोमवारी में यहां पैर रखने की जगह भी नहीं होती है.

गौरी शंकर मंदिर, दिल्ली

 

श्री शिव दुर्गा मंदिर – श्री शिव दुर्गा मंदिर की स्थापना 1983 में पश्चिमी दिल्ली में हुई थी. हर साल महाशिवरात्रि पर मंदिर को खास तरीके से सजाया जाता है. शिव भक्त मंदिर के चारों ओर शिव नाम, मंत्रोच्चार या भक्ति गीतों की निरंतर ध्वनि मन को बेहद शांति देती है. माना जाता है कि यहां आने पर भक्तों की मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं.

श्री शिव दुर्गा मंदिर, पश्चिमी दिल्ली

श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर- दिल्ली-NCR के अंदर आने वाले गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में भी महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. रात से ही भालेनाथ के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु लाइन में लग जाते हैं. ये मंदिर 5000 साल पुराना बताया जाता है. ऐसी मान्यता है कि मंदिर त्रेतायुग से है. इस मंदिर में 24 घंटे एक धूनी जलती रहती है. कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर में भोलेबाबा की अराधना करने से सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं.

श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर

 

मंगल महादेव बिरला कानन मंदिर- ये मंदिर दिल्ली के शिवाजी मार्ग पर स्थित है. भोलेबाबा का ये मंदिर 200 एकड़ में फैला हुआ है. इस मंदिर की खासियत भगवान शिव की एक 100 फीट की विशाल मूर्ति है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. इस मंदिर में शिव परिवार की भी मूर्तियों के दर्शन कियए जाते हैं. सभी मूर्तियां कांस्य की बनी हुई हैं.

मंगल महादेव बिरला कानन मंदिर

शिव मंदिर गुफा वाला- दिल्ली के प्रीत विहार में स्थित शिव मंदिर गुफा वाला की काफी मान्यता है. इस मंदिर में काफी खूबसूरत आकृतियां भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं.

शिव मंदिर गुफा वाला

नीली छतरी मंदिर- दिल्ली के निगम बोध घाट में नीली छतरी मंदिर स्थित है. बताया जाता है कि इसका निर्माण माहाभारत काल में करवाया गया था. मान्यता है कि इस मंदिर में युधिष्ठर ने अश्वमेध यज्ञ करवाया था. इसी वजह से महाशिवरात्रि के पर्व पर यहां बड़ी संख्या में भक्तों का हुजूम उमड़ता है.

नीली छतरी मंदिर

महाशिवरात्रि पर कराएं रुद्राभिषेक

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की कृपा पाने के लिए रुद्राभिषेक का विधान है. श्रद्धालु अपनी राशि के अनुसार बाबा का रुद्राभिषेक करके समस्त बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं.