कुमार इंदर, जबलपुर। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ मानहानि मामले में आज हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। हाईकोर्ट आज तय करेगा की तीनों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलेगा या नहीं या फिर तीनों को मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर होना जरूरी है या नहीं। दरअसल, तीनों नेताओं की ओर से जबलपुर एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। जिसमें कहा गया है कि उनके ऊपर मानहानि का कोई मुकदमा नहीं बनता। साथ ही तीनों ने जबलपुर के एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर होने के आदेश में भी राहत चाही है।

बता दें कि जनवरी, 2024 में इस मामले में जबलपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कर तीनों को 22 मार्च 2024 को जबलपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए थे। उसी आदेश को तीनों नेताओं द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। तीनों भाजपा नेताओं द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि चुनावी व्यवस्था के चलते उनका एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर होना मुश्किल हो रहा है लिहाजा इस मामले में उन्हें राहत दी जाए।

MP politics: कांग्रेस के पूर्व सांसद से लेकर पार्षद तक बीजेपी में हुए शामिल, नरोत्तम बोले- ज्वाइनिंग को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराएंगे

क्या है पूरा मामला?

साल 2023 में मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव के दौरान हुई बयान बाजी को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ 10 करोड़ रुपए का आपराधिक मानहानि का परिवाद दायर किया था। दरअसल, पंचायत चुनाव के दौरान सुप्रीम के फैसले को लेकर बीजेपी नेताओं द्वारा बयान बाजी की जा रही थी, जिसमें भाजपा नेताओं द्वारा लगातार यह बयान दिया जा रहा था कि विवेक तंखा की सुप्रीम को में दायर याचिका के चलते ही पंचायत चुनाव की प्रक्रिया रद्द कर दी गई है।

कमलनाथ के करीबी ने दिया इस्तीफा: कांग्रेस से तोड़ा संबंध, अब भाजपा से करेंगे अनुबंध

रोटेशन प्रक्रिया का नहीं हुआ था पालन

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने रोटेशन प्रक्रिया का पालन न होने पर पंचायत चुनाव की प्रक्रिया रद्द की गई थी, लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के बिना ही चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। जिस पर बीजेपी के नेताओं ने विवेक तन्खा सहित तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर लगातार बयान दिए थे कि, ओबीसी आरक्षण को लेकर विवेक तंखा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के चलते ही सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाई है।

बड़ी खबर: बसपा में शामिल हुए नारायण त्रिपाठी; सतना से चुनाव लड़ने पर दिया बड़ा बयान, पूर्व MLA बोले- विंध्य जनता पार्टी का नहीं होगा विलय

जबलपुर की विशेष अदालत में दायर किया था मुकदमा

बीजेपी के इस बयानबाजी को लेकर विवेक तंखा की छवि धूमिल हो रही थी, इसी से आहत होकर विवेक तंखा ने तीनों नेताओं के खिलाफ जबलपुर की विशेष अदालत में मानहानि का परिवार दायर किया था। जिसकी पैरवी करने खुद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल 29 अप्रैल 2023 को जबलपुर की विशेष अदालत आए हुए थे। अधिवक्ता विवेक तंखा ने उन्हें लेकर की गई टिप्पणियों से संबंधित वीडियो और सोशल मीडिया में किए गए कमेंट्स का ब्यौरा भी अदालत को दिया था। जिसके बाद जबलपुर की एमपी एमएलए विशेष अदालत ने बयान दर्ज करने के साथ ही धारा 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
Read More:- https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H