रायपुर. नान घोटाले के आरोपी शिवशंकर भट्ट को आज विशेष न्यायाधीश ने 4 साल की सजा सुनाई है. भट्ट को रिश्वत लेने के दोषी पाया गया है. भट्ट ने साल 2006 में परिवहन का ठेका दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी, इसी दौरान एसीबी ने रिश्वत लेते भट्ट को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.  शिवशंकर भट्ट को बाद में नान का प्रबंधक बनाया गया था. और इसके बाद इसका नाम चर्चित नान घोटाले में आया.

क्या है मामला-

नान के मुख्य आरोपी शिव शंकर भट्ट ने 2006 में सोसायटियों में खाद्यान पहुंचाने के लिए ठेकेदार से भाड़े का दो लाख बिल भुगतान के लिए आरोपी ने बिल पास कराने के लिए 25 हजार की रिश्वत की डिमांड की थी। ठेकेदार से सौदा हुआ था कि पहले पांच हजार देना पड़ेगा और 20 हजार बिल पास होने पर।

ठेकेदार पांच हजार की रिश्वत दे दिया तब जाकर अधिकारी ने बिल की फाइल आगे बढ़ा दी। इसके बाद ठेकेदार ने रिश्वत की शिकायत एसीबी से कर दी। आरोपी को पकडऩे के लिए एसीबी ने 29 नवंबर को जाल बिछाया। ठेकेदार ने जैसे ही रिश्वत के पैसा 20 हजार लेकर अधिकारी के चेंबर में घुसा और जैसे ही पैसा उसको दिया एसीबी की टीम पिछले छापामार दिया और आरोपी को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।