रोहित कश्यप, मुंगेली। स्थानीय लोगों की आये दिन शिकायत रहती है कि जिला अस्पताल में कुछ डॉक्टर अपने चेम्बर में “उपस्थित” का बोर्ड लगाकर गायब रहते हैं. पहुंच परख वाले उनको ढूंढ निकालते हैं और इलाज भी करवा लेते हैं, लेकिन गरीब तबके के लोग जिनके लिए सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की दंभ भरती है, ऐसे कई लोग जिला अस्पताल में डॉक्टरों के चेम्बर के बाहर डॉक्टरों के इंतजार में घंठों बैठे रहते हैं. ये तो हो गई सुबह वाली ओपीडी की बात है.

अब शाम की पाली की बात करें और लोगों की माने तो इस पाली में ओपीडी का संचालन भगवान भरोसे होता है. ऐसा हम नहीं बल्कि अस्पताल पहुंचे लोगों का कहना रहता है. वहीं इस बात की पोल तब खुल गई, जब जिले के कलेक्टर खुद औचक निरीक्षण में जिला अस्पताल पहुंच गए.

27 मेडिकल स्टॉफ ड्यूटी से नदारद
इस दौरान करीब 1 दर्जन डॉक्टर सहित कुल 27 मेडिकल स्टॉफ ड्यूटी से नदारद मिले. कलेक्टर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने सभी को शोकॉज नोटिस थमाया है. वहीं कलेक्टर के निरीक्षण में ड्यूटी में मिलने वाले एक मात्र डॉक्टर नारायण देव साहू अस्थिरोग विशेषज्ञ का कलेक्टर ने स्वागत किया.

कड़ी कार्रवाई के निर्देश
कलेक्टर ने कर्तव्य पर अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित 11 डाॅक्टरों सहित 27 मेडिकल स्टाफ के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर संबंधित डाक्टरों और स्टाफ के विरूद्ध सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 के तहत कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए हैं.

क्या सांठगांठ से चल रहा खेल ?
बहरहाल, जब CMHO और सिविल सर्जन जिसके कंधे पर जिला अस्पताल की जिम्मेदारी है, वे इन लापवाह डॉक्टर्स और कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं करते हैं. उनकी निगरानी में डॉक्टर गायब रहते हैं. कलेक्टर के दौरे से जिला अस्पताल की जब पोल खुली, तब नोटिस जारी किया गया. ऐसे में लग रहा है कि सब सांठगांठ से खेल चल रहा है, प्रबंधन को सब पता रहा, बावजूद इसके पहले कार्रवाई नहीं की गई. जब कलेक्टर ने आदेश जारी करने को कहा तब, कार्रवाई की गई. ऐसे में लग रहा है कि सभी लोग मिलकर स्वास्थ्य विभाग को ठेंगा दिखा रहे हैं.

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