नई दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. इस याचिका पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई से इनकार कर दिया है और उन्हें हाई कोर्ट जाने की सलाह दी है. कोर्ट में सोरेन की तरफ से उनके वकील कपिल सिब्बल पेश हुए थे.
हेमंत सोरेन की याचिका पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने कहा कि उन्हें सीधे सुप्रीम कोर्ट आने से पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए था. वहीं सोरेने के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हम लोग एक मुख्यमंत्री के मामले से जूझ रहे हैं. जस्टिस खन्ना ने कहा कि कोर्ट तो सभी के लिए खुला है. अगर हम एक शख्स को इस तरह से सीधे आने की अनुमति देते हैं तो सभी को देनी पड़ेगी.
सोरेन की याचिका पर कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि वह सुनवाई नहीं करेगा. जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप हाई कोर्ट जाइए, हम इस मामले को नहीं सुनेंगे. बता दें कि पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने पहले हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन उसे वापस ले लिया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
हेमंत सोरेन समेत 14 लोगों को ED ने किया है गिरफ्तार
पूर्व सीएम और JMM नेता हेमंत सोरेन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप ‘भूमि माफिया’ के साथ उनके कथित संबंधों के अलावा कुछ अचल संपत्तियों के कथित अवैध कब्जे से जुड़ा है. केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, यह जांच झारखंड में माफियाओं की ओर से भूमि के स्वामित्व को अवैध रूप से बदलने के एक बड़े रैकेट से जुड़ी है. इस मामले में ईडी ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें 2011 बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे.
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