शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में आत्महत्या को लेकर एक चौकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. एनसीआरबी की ओर से जारी इस रिपोर्ट में देश में एमपी आत्महत्या करने वालों की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं. जो आंकड़े एनसीआरबी के सामने आए हैं वो 14 से 18 साल के बच्चों के हैं. जिससे चिंताएं और बढ़ा रहीं हैं.

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एनसीआरबी जो आंकड़े सामने आए हैं. वो डराने वाले हैं. खासकर अभिभावकों के लिए 2017-19 के बीच 14 से 18 साल के 24 हजार 568 से ज्यादा बच्चों ने आत्महत्या की. इनमें 13,325 लड़कियां शामिल हैं. ये पूरे देश का आंकड़ा है, लेकिन इसमें सबसे ऊपर नाम मध्यप्रदेश है. एमपी में 2017-19 के बीच 3 हजार 115 नाबालिगों ने अलग-अलग कारण से अपनी जान दे दी.

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जारी रिपोर्ट में परीक्षा में फेल होकर आत्महत्या करने के मामले सबसे ज्यादा हैं. रिपोर्ट को लेकर मनोचिकित्सक सत्यकांत त्रिवेदी का कहना है कि इसके लिए नीति बनानी होगी. एक इंसान की जिम्मेदारी नहीं हैं. सबको आगे आना होगा तभी इस पर में कमी आ सकती हैं.

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आत्महत्या के आकड़ें साल दर साल बढ रहे हैं. 2017 में 14-18 आयु वर्ग के 8 हजार 29 बच्चों ने आत्महत्या की थी तो, वहीं 2018 में ये संख्या 8 हजार 162 हो गई. 2019 में ये संख्या बढ़कर 8 हजार 377 पहुंच गई. बढ़ते खुदकुशी के मामलों को लेकर चिकित्सा मंत्री का कहना है कि इसकों लेकर मुख्यमंत्री ने विधायकों की एक कमेटी बनाई जाएगी. जो भी उसकी रिपोर्ट आएगी उसके हिसाब से रणनीति बनाई जाएगी.

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