पैसों के लालच में आकर लोग कोई भी हद पार करने के लिए तैयार हो जाते हैं. ऐसा ही एक मामला अमेरिका से सामने आया है, जिसे सुनकर लोग हैरान हैं. एक व्यक्ति ने बीमा की रकम के लिए एक हैरतअंगेज काम किया. दरअसल, उसने बीमा की राशि पाने के लिए पैसे देकर अपने दोनों पैर कटवा लिए. पिछले साल नवंबर में विलो स्प्रिंग्स के एक 60 वर्षीय व्यक्ति ने दावा किया कि उसने ब्रश हॉग दुर्घटना में अपने दोनों पैर गंवा दिए थे. ब्रश हॉग एक घास काटने की मशीन होती है, जो आमतौर पर ट्रैक्टरों से जुड़ी होती है. शख्स ने दावा किया था कि उसके दोनों पैर गलती से इस मशीन के बीच में आने से कट गए थे. हालांकि इस आदमी द्वारा बनाई गई कहानी में कुछ खामियां पाई गई थी.

शख्स की बनाई कहानी से उठे कई सवाल

व्यक्ति की कहानी में जो कमियां पाई गईं, उनमें पहली थी कि उसने सचमुच अपने पैर खो दिए थे. उसके दोनों कटे हुए पैर कहीं मिल नहीं रहे थे, जो किसी दुर्घटना के नजरिए से विचित्र था. उस आदमी के घाव इतने साफ थे कि प्रतीत होता था कि वह ब्रश हॉग से नहीं कटे. साथ ही वह आदमी लकवाग्रस्त था. इससे यह शक हुआ कि वह ट्रैक्टर के रास्ते में कैसे आ गया.

पैरों पर लगे टूर्निकेट ने बढ़ाया अधिकारियों का शक

हॉवेल काउंटी शेरिफ कार्यालय के लेफ्टिनेंट टोरी थॉम्पसन ने कहा, “अगर यह किसी दुर्घटना में होता तो यह पूरी तरह खराब हो चुका होता. मैंने पहले भी इस प्रकार की दुर्घटना देखी है. यह वैसा नहीं था.” साथ ही दुर्घटनास्थल पर बुलाए गए अधिकारी और चिकित्साकर्मी इस बात से हैरत में थे कि व्यक्ति के पैरों पर टूर्निकेट किसने लगाया होगा. यह एक उपकरण होता है, जो खून बहने से रोकने के लिए पैर पर लगाया जाता है.

कुल्हाड़ी से एक व्यक्ति ने काट दिए थे पैर

मामले की जांच आगे बढ़ने पर घायल व्यक्ति की कहानी में और अधिक खामियां सामने आने लगी. कुछ समय बाद पुलिस को पता चला कि फ्लोरिडा का एक व्यक्ति कुल्हाड़ी लेकर पीड़ित के घर गया था. कथित तौर पर कुछ पैसों के बदले उसने पीड़ित के पैर काट दिए थे. पैर काटने के बाद वो व्यक्ति मौके से फरार हो गया था.। पुलिस ने इस केस पर जांच तेज कर दी थी.

लकवाग्रस्त होने के कारण पैर काटने को तैयार हुआ व्यक्ति

जांच से यह पता चला कि 60 वर्षीय लकवाग्रस्त व्यक्ति ने बीमा धोखाधड़ी करने की एक योजना बनाई थी. उस व्यक्ति के पैरों का वास्तव में कोई उपयोग नहीं था, इसलिए उसने पैसे पाने के लिए उन्हें काट देने का फैसला किया. हालांकि, उस शख्स ने अब तक बीमा कंपनी के पास रकम का दावा दायर नहीं किया था, इसलिए उसको पकड़ा नहीं गया. फिलहाल पुलिस उसका इलाज करवा रही है.

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