मुकेश मिश्रा, अशोकनगर। मध्यप्रदेश के अशोकनगर में वेयरहाउस पर खाद की किल्लत का नजारा साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। जिसमें किसानों को खाद के टोकन के लिए लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। इतना ही नहीं टोकन के बाद फिर से किसानों को लाइन में लगकर खाद की बोरियां लेनी पड़ रही है।
दरअसल, खरीफ की फसल के बाद अब रवि का सीजन आने वाला है। जिसको लेकर किसान डीएपी के लिए वेयरहाउस पहुंचा। इसके बाद सुबह से ही किसानों की लंबी-लंबी कतारें वेयरहाउस के सामने देखने को मिली। हालांकि किसानों को एक जमीन की किताब पर दो बोरी डीएपी और एक एनपीके दिया जा रहा है। किसानों का कहना है कि हम लोगों को बीघा के हिसाब से खाद वितरित की जानी चाहिए। मात्र तीन बोरी मिलने से हमारा डीजल सहित समय भी बर्बादी हो रहा।
कृषि विभाग के एसडीओ मुकेश रघुवंशी ने बताया कि हमारे पास खाद की कोई दिक्कत नहीं है। शुक्रवार को वेयरहाउस पर खाद लेने पहुंचे थे। जहां से यह हवा उड़ गई की खाद की कमी है। जिसको लेकर आज बड़ी संख्या में किसान वेयरहाउस पर पहुंचे हैं। जबकि आज ही रैक लगा है जिससे हमें 500 मैट्रिक टनडीएपी और 700 मेट्रिक टन एनपीके खाद मिला है। जबकि एक रैक और यदि हमें मिल जाता है। तो किसी तरह की खाद की दिक्कत नहीं होगी।
बाजार में लगभग 20 से अधिक दुकान है। जिन पर हर बार डीएपी खाद का वितरण किया जाता था। लेकिन इस बार दुकानों पर डीएपी खाद नहीं मिलने के कारण वेयरहाउस पर बड़ी संख्या में किसान सुबह से ही पहुंच जाते हैं।
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