दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जयहिंद अपने तेज तर्रार तेवर को लेकर जानी जाती है. स्वाति ने देह व्यापार को लीगलाइज करने की बात करने वालों को मुहंतोड़ जवाब दिया है. DCW चीफ स्वाती मालीवाल ने एक टीवी चैनेल के इंटरव्यू के दौरान देह व्यापार के लीगलाइज करने के सवाल के जवाब में कहा कि ‘जिस दिन मैं धंधा करूंगी उस दिन कहूंगी ये लीगलाइज हो’. स्वाति ने इस इंटरव्यू में देहव्यापार को लीगल करने की पैरवी करने वाले लोगों से यह भी पूछा है कि क्या वो अपने बेटी को धंधा करने वाली बनाएंगे ? यदि नहीं तो गरीब बेटियों को इस धंधे में ढकेलने की पैरवी क्यों करते है.

नई दिल्ली: डीसीडब्ल्यू चीफ स्वाती मालीवाल ने दो दिन पहले ही दिल्ली के पहाड़गंज की एक होटल में छाप पड़वाकर वहां 39 नेपाली लड़कियों को छुड़ाया था, जिन्हें देहव्यापार में ढ़केलने की तैयारी थी.

पीड़िताओं द्वारा दी गई लिखित शिकायत भी स्वाति ने अपने ट्वीटर अकाउंट में पोस्ट की है. इसके अलावा इन महिलाओं के 1 दर्जन से ज्यादा पासपोर्ट भी होटल में छापे के दौरान मिले है.  नेशनल चैनल को दिए इंटरव्यू में स्वाति मालीवाल ने कहा है कि जब मैं धंधा नहीं कर सकती, मैं 30 आदमियों के साथ नहीं रह सकती तो मैं ये कैसे कहूं कि वो महिलाएं रहें?

स्वाति ने कहा कि हम नौकरी करें, अच्छे काम करें, जिनके पास पैसे हैं वो बड़े-बड़े काम करें लेकिन जो देश का गरीब है उसको आप वेश्यावृत्ति और तस्करी में भेजें और बाद में कहें कि ये भी तो काम है. इसे लीगलाइज कीजिए, ये कहा का न्याय है. स्वाति मालिवाल ने वेश्यावृत्ति को लीगलाइज करने वालों से तीखा सवाल करते हुए कहा है कि क्या आप अपनी बेटी को धंधे वाली बनाओगे? जब आप अपनी बेटी को धंधे वाली नहीं बना सकते हो? यदि नहीं तो देश की गरीब महिला वहां क्यों पहुंचे.

कौन है स्वाति मालीवाल

15 अक्टूबर 1984 को दिल्ली से सटे गाजियाबाद में जन्मी स्वाति के पिता अशोक मालिवाल एयर फोर्स में थे. मां संगीता मालिवाल एक स्कूल में वाइस प्रिंसिपल हैं. स्वाति की शुरूआती शिक्षा अलग अलग शहरों में हुई. वर्ष 2002 में उन्होंने एमीटी स्कूल, नोएडा से 12वीं की परीक्षा पास की. इसके बाद 2006 में दिल्ली की आईपी यूनिवर्सिटी से इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में इंजिनियरिंग की डिग्री हासिल की. स्वाति के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक इंजिनियरिंग के आखिरी दिनों में ही वो केजरीवाल से मिलीं थीं. फिर उन्होने समाज सेवा को करियर के तौर पर चुनने का फैसला किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वाति जयहिंद ने केजरीवाल के एनजीओ परिवर्तन से लेकर पर्यावरण के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय एनजीओ ग्रीनपीस तक के लिए काम किया. केजरीवाल के साथ, जन वितरण प्रणाली में सुधार लाने और सूचना का अधिकार के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्वाति ने काफी काम किया. अरविंद के साथ कई महीनों तक वह उत्तर पूर्वी दिल्ली के सुंदर नगरी के स्लम में भी रहीं थीं. जन लोकपाल आंदोलन के लिए बनी इंडिया एगेंस्ट करप्शन की कोर कमेटी में स्वाती सबसे कम उम्र की सदस्य थीं. इस कमेटी में उस वक्त अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण, किरण बेदी जैसे अनुभवी सदस्य थे. आंदोलन के दौरान स्वाति की नवीन जयहिंद से जान-पहचान हुई और फिर दोनों ने शादी कर ली. नवीन भी लोकपाल आंदोलन के काफी पहले से केजरीवाल के साथ जुड़े रहे हैं. केजरीवाल की कोर टीम के सदस्यों के मुताबिक जुझारू व्यक्तित्व वाली स्वाति, जरूरतमंदों के लिए काफी हमदर्दी रखती हैं.