अमित पांडेय, खैरागढ़। खैरागढ़ जिले के छुईखदान – संडी इलाके में प्रस्तावित श्री सीमेंट कंपनी की 404 हेक्टेयर भूमि वाले खनन और औद्योगिक प्रोजेक्ट को लेकर विवाद तेजी से गहराता जा रहा है. बढ़ते विरोध के बीच श्री सीमेंट कंपनी ने कहा कि कुछ लोग गलत जानकारी फैलाकर ग्रामीणों को गुमराह कर रहे हैं और अनावश्यक आंदोलन खड़ा किया जा रहा है.

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कंपनी के अधिकारियों ने खैरागढ़ में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर प्रबंधन की बात रखी. कंपनी इसे इलाके के विकास, रोजगार और सड़क,बिजली,पानी जैसी सुविधाओं में सुधार का बड़ा अवसर बताया. कुछ लोग गलत जानकारी फैलाकर ग्रामीणों को गुमराह कर रहे हैं और अनावश्यक आंदोलन खड़ा किया जा रहा है.

कंपनी का दावा है कि न किसी गांव को विस्थापित किया जाएगा, न पर्यावरण को नुकसान पहुंचने दिया जाएगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और विकास का लाभ मिलेगा.

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उपस्थित खैरागढ़ कलेक्टर इंद्रजीत चंद्रवाल ने भी कहा कि लोगों के मन में कई भ्रम हैं, जिन्हें संवाद के जरिए दूर किया जा सकता है. उनके अनुसार जनसुनवाई ग्रामीणों के लिए अपनी आपत्तियां और सवाल सीधे रखने का वैधानिक मंच है. कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन अलग से भी बातचीत के लिए तैयार है, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके.

वहीं क्षेत्र की विधायक यशोदा वर्मा इस परियोजना का पुरजोर विरोध कर रही हैं. उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन देकर 11 दिसंबर की जनसुनवाई तत्काल रद्द करने की मांग की है. उनका कहना है कि किसानों की उपजाऊ जमीन लेकर भारी औद्योगिक प्रोजेक्ट लागू करना सही नहीं है और यदि जनसुनवाई नहीं रोकी गई तो बड़ा आंदोलन अनिवार्य होगा. वहीं किसानों का भी तर्क है कि कंपनी की रिपोर्ट में सिर्फ 138 लोगों के रोजगार का जिक्र है, जो हजारों ग्रामीणों की जमीन और भविष्य के मुकाबले नगण्य है.

कुल मिलाकर यह पूरा विवाद अब विकास और खेती के बीच संतुलन की टकराहट में बदल गया है. एक ओर कंपनी और प्रशासन है, जो संवाद और नियमों के आधार पर समाधान की बात कर रहे हैं, वहीं किसान और जनप्रतिनिधि जमीन व पर्यावरण को लेकर दृढ़ हैं. अब सबकी निगाहें 11 दिसंबर की जनसुनवाई पर टिक गई हैं यही तय करेगा कि प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा या विरोध की आग और भड़केगी.