Para-Arm Wrestling World Cup 2025 Hungary: भारत के पैरा-आर्म रेसलर श्रीमंत झा ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने हंगरी पैरा-आर्म रेसलिंग वर्ल्ड कप 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए +90 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। यह प्रतियोगिता 7 से 9 नवंबर तक हंगरी के रेप्सेलक (Repcelak) शहर में आयोजित हुई।
झा ने रोमांचक मुकाबले में हंगरी के जाने-माने खिलाड़ी जानोस नागी (Janos Nagy) को हराकर फाइनल में प्रवेश किया और फाइनल में शानदार प्रदर्शन के बाद रजत पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया।

शहीद जवानों को समर्पित की जीत
अपनी इस उल्लेखनीय उपलब्धि के बाद श्रीमंत झा ने कहा- “यह सिल्वर मेडल मैं भारत माता के वीर शहीद जवानों को समर्पित करता हूं। मेरी हर जीत उन सैनिकों के नाम है जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया। मैं हर मुकाबले में उनकी प्रेरणा से ही उतरता हूं।”
प्रतियोगिता में झा का प्रदर्शन
तीन दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में श्रीमंत झा ने अपनी ताकत, तकनीक और धैर्य का शानदार प्रदर्शन किया। हर राउंड में उन्होंने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर दी और फाइनल तक का सफर तय किया।
झा की इस जीत के साथ उन्होंने आगामी एशियन पैरा आर्म रेसलिंग कप – यूएई के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है, जिससे भारत के लिए एक और स्वर्णिम अवसर की उम्मीद बढ़ गई है।
एशिया के नंबर वन पैरा आर्म रेसलर है श्रीमंत झा
श्रीमंत झा न केवल एशिया के नंबर वन बल्कि दुनिया के तीसरे सर्वश्रेष्ठ पैरा-आर्म रेसलर हैं। अब तक वे भारत के लिए 60 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुके हैं, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
उन्होंने कहा- “यह मेरे लिए विशेष उपलब्धि है। मेरा लक्ष्य अब आने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम और ऊँचा करना है।”
बधाई और शुभकामनाओं की बौछार
श्रीमंत झा की इस शानदार उपलब्धि पर बधाइयों का सिलसिला जारी है। पीपल्स आर्म रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की अध्यक्षा प्रीति झींज्ञानी, छत्तीसगढ़ आर्म रेसलिंग संघ के अध्यक्ष जी. सुरेश बाबे, चेयरमैन बृज मोहन सिंह, सचिव श्रीकांत कृष्ण साहू और कोच राजू साहू ने उन्हें हार्दिक बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
युवाओं के लिए प्रेरक संदेश
श्रीमंत झा ने देश के युवाओं को संदेश देते हुए कहा- “कड़ी मेहनत, अनुशासन और समर्पण से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। अपने सपनों पर विश्वास रखें और कभी हार न मानें। मेहनत करने वालों की हार कभी नहीं होती।”
श्रीमंत झा की यह उपलब्धि न केवल भारतीय खेल जगत के लिए गर्व का विषय है, बल्कि देश के उन वीर शहीदों को भी एक सच्ची श्रद्धांजलि है, जिनकी कुर्बानियों ने हमें आज़ादी और सुरक्षा का आशीर्वाद दिया है। उनका यह सिल्वर मेडल एक संदेश है- “देशभक्ति और मेहनत जब साथ हो, तो जीत निश्चित है।”
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