श्री बद्रीनाथ धाम की यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में बेहद उत्साह देखने को मिल रहा है. इस वर्ष अब तक 14 लाख 53 हजार 827 तीर्थयात्री भगवान बद्री विशाल के दर्शन कर चुके हैं. यह संख्या पिछले वर्ष के कुल आंकड़े 14 लाख 35 हजार 341 को पार कर चुकी है. कपाट बंद होने में अभी डेढ़ माह का समय बाकी है, ऐसे में यह संख्या नया कीर्तिमान बनाने की ओर अग्रसर है.

प्रशासन ने खराब मौसम को यात्रियों की राह में बाधा नहीं बनने दिया. हर संवेदनशील रूट पर तैनात टीमें, सड़कों की तत्काल मरम्मत, और यात्रा मार्गों पर जेसीबी की उपलब्धता ने यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाया है. चारधाम यात्रा में सरकार के पुख्ता इंतजाम श्रद्धालुओं के लिए संबल बने हैं. धामों में पर्याप्त ठहरने की व्यवस्था, मार्गों पर एसडीआरएफ की तैनाती और ठंड बढ़ने पर अलाव की सुविधा यात्रियों के अनुभव को और भी सुखद बना रही है. प्रशासन के इन प्रयासों के कारण श्रद्धालु निश्चिंत होकर यात्रा कर पा रहे हैं और आस्था का यह प्रवाह लगातार बढ़ता जा रहा है.

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श्री बदरीनाथ धाम में यात्रियों की संख्या हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही है. बुधवार को ही 5042 श्रद्धालुओं ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन किए. जैसे-जैसे कपाट बंद होने की तिथि 25 नवंबर करीब आ रही है, श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है. यह न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि उत्तराखण्ड में तीर्थ पर्यटन की अपार संभावनाओं को भी दर्शाता है.

चमोली जिले में स्थित पवित्र श्री हेमकुंट साहिब के कपाट 10 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. समुद्रतल से 15 हजार 230 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह तीर्थ अत्यंत कठिन मार्ग पर बसा है, फिर भी इस बार 2 लाख 71 हजार 367 श्रद्धालु यहां पहुंच चुके हैं. वर्ष 2024 की तुलना में यह संख्या लगभग दोगुनी है. इस वर्ष श्री गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्टूबर, श्री यमुनोत्री धाम के 23 अक्टूबर, श्री केदारनाथ धाम के 23 अक्टूबर एवं श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे.