अयोध्या। राम मंदिर में जल्द ही रामलला विराजने वाले हैं. 17 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान शुरू हो जाएगा और 22 जनवरी को रामलला मंदिर में शोभायमान होंगे. इस बीच राम मंदिर और रामलला को लेकर लगातर नई जानकारियां आ रही है. उत्सव और कार्यक्रमों की जानकारी के बाद अब रामलला के कपड़ों, राम मंदिर में मिलने वाले प्रसाद और रामलला के दर्शन करने समेत व्यवस्थाओं को लेकर अपडेट आया है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन करने का समय बदला जाएगा. इसके साथ ही मंदिर में रामलला की मंगल आरती और शयन आरती भी शुरू की जाएगी. जानकारी के मुताबिक श्रद्धालु चांदनी रात में रामलला के दर्शन कर पाएंगे. वहीं गर्भगृह में ऐसे इंतजाम किए जाएंगे कि भक्त 25 फीट की दूरी से रामलला को निहार सकेंगे.
इलायची दाने का प्रसाद
प्राण प्रतिष्ठा के दिन और उसके बाद हर रोज श्रद्धालुओं को विशेष प्रसाद मिलेगा. जिसमें इलायची दाने का प्रसाद शामिल है. इसके लिए 5 लाख पैकेट तैयार करने का ऑर्डर दिया गया है. ये प्रसाद इलायची और चीनी को मिलाकर बनाया जाता है. जिससे इसमें पोटेशियम और मैग्निशियम समेत कई पोषण तत्व आ जाते हैं, जो पेट की बीमारियों के लिए रामबाण हैं. इसके अलावा भगवान राम के ननिहाल से आए 100 टन चावलों का प्रसाद वितरित किया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं को वापस जाने वाले रास्ते पर प्रसाद दिया जाएगा. बता दें कि ट्रस्ट ने किसी को भी खाली हाथ नहीं जाने देने के निर्देश दिए हैं.
सोने के कपड़े पहनेंगे रामलला
प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामलला सोने के धागे से बने कपड़े पहनेंगे. ये कपड़े पुणे में तैयार किए जा रहे हैं. साथ ही रामलला के लिए अयोध्या के 2 टेलर बाबू लाल और शंकर लाल भी कपड़े बना रहे हैं. शंकर लाल की चौथी पीढ़ी रामलला के कपड़े बना रही है. हालांकि प्राण प्रतिष्ठा सोमवार को होनी है तो उस दिन रामलला सफेद वस्त्र धारण करते हैं, लेकिन इस बार उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाए जाने की योजना है. वैसे रामलला के वस्त्र और उनका रंग हर रोज दिन के हिसाब से बदलता है. रामलला को रविवार को गुलाबी, सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरे, गुरुवार को पीले, शुक्रवार को क्रीम कलर के और शनिवार को नीले रंग के कपड़े पहनाएं जाते हैं.
दर्शन और पूजा व्यवस्था में होंगे बदलाव
प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन और पूजा करने की व्यवस्था भी बदल जाएगी. नई व्यवस्था के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा के बाद करीब डेढ़ से 2 लाख लोग रामलला के दर्शन कर पाएंगे, लेकिन पूजा और आरती करने का मौका 5 से 10 हजार लोगों को ही मिलेगा. इसके लिए विशेष पास जारी किए जाएंगे. कुबेर टीला में दर्शन, पूजा, आरती करने के लिए भी स्पेशल पास जारी किए जाएंगे. बता दें अयोध्या में श्रद्धालु रामलला के अलावा कुबेर टीला, भक्त मुनि अगस्त्य, गुरु वशिष्ठ, गुरु विश्वामित्र, गुरु वाल्मीकि, निषादराज, देवी अहिल्या और माता शबरी के भी दर्शन कर पाएंगे.
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