रायपुर। राजधानी रायपुर के जैनम मानस भवन में मिरानी ग्रुप की ओर से भगवताचार्य रमेश ओझा की दिव्य एवं भव्य श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है, जिसका आज तीसरा दिन रहा। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के तीसरे दिन की शुरुआत भगवताचार्य श्री रमेश भाई ओझा की वाणी से हुई। कथा की शुरुआत शाम 4 बजे से हुई, जिसमें शामिल होने के लिए राज्यभर ही नहीं बल्कि देश के कई क्षेत्रों से साधु-संत सहित जनता राजधानी के जैन मानस भवन पहुँची।
आज कथा की शुरुआत भगवताचार्य श्री ओझा ने भागवत के अर्थ की व्याख्या के साथ की। उन्होंने भागवत के चार अक्षरों के अर्थ बताते हुए कहा कि भागवत शब्द की शुरुआत ही प्रकाश से हुई है। प्रकाश को उन्होंने ज्ञान बताया। इस पूरे संसार को भगवताचार्य श्री रमेश ने रात्रि रूपी मोह बताया है, जहाँ समस्त जन सोये हुए हैं।
उन्होंने कहा, यह रात्रि सूर्य के प्रकाश (ज्ञान) और दिये की रोशनी से ख़त्म होती है। अर्थात जब ज्ञान का आगमन होता है, तब रात्रि रूपी मोह की समाप्ति होती है, यानी भ्रम टूटता है। उन्होंने कहा, जब तक संसार दिखाई देगा, तब तक भय और भ्रम रहेगा। जब तक भय रहेगा, तब तक अशांति और चिंता रहेगी। संसार के भय को मिटाने वाला भगवान है। संसार रूपी भ्रम के टूटने से ही मालूम पड़ता है कि कृष्ण ही सृष्टि हैं।
मिरानी ग्रुप की सदस्य प्रगति तुषार मिरानी ने जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न राज्यों से श्री रमेश भाई के विचारों को सुनने साधु-संत और लोग पहुँच रहे हैं। यहाँ उनकी वाणी सुनकर सीख भी ले रहे हैं। उन्होंने बताया, कथा के चौथे दिन कल कृष्ण प्रागट्य है। भागवत कथा में कृष्ण जन्म का विशेष महत्व है। इस विशेष अवसर को कल धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके बाद गोवर्धन पूजा और रुक्मिणी विवाह बेहद अनोखा और भव्य होगा।
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