चंडीगढ़। पंजाब में सिद्धू और चन्नी के बीच ठनी हुई है. कांग्रेस की चन्नी सरकार को आखिरकार सिद्धू के दबाव में झुकना ही पड़ा. मंगलवार को DGP और एडवोकेट जनरल AG को हटाने का फैसला ले लिया गया. सिद्धू ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कुर्सी पर कोई भी हो, पंजाब के ‘सुपर-CM’ वही हैं. वैसे भी विपक्ष शुरू से ही आरोप लगाता रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू का व्यवहार सुपर सीएम की तरह है. विपक्ष का कहना है कि सिद्धू मुख्यमंत्री पद की गरिमा को कम करते रहे हैं और सीएम चन्नी को हमेशा से ही डॉमिनेट करते आए हैं.

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पंजाब में हालात भी कुछ वैसे ही हैं. CM की कुर्सी पर चरणजीत सिंह चन्नी जरूर हैं, लेकिन काम वैसा ही होता है, जैसा सिद्धू चाहते हैं. विरोधी तो विरोधी खुद कांग्रेस में भी कई नेता इस बात का विरोध कर रहे हैं. इससे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी नवजोत सिंह सिद्धू पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. कैप्टन के साथ भी सिद्धू की बिल्कुल नहीं बन रही थी. हालांकि आलाकमान ने सिद्धू को कैप्टन पर तरजीह दी और अमरिंदर सिंह को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में कैप्टन कांग्रेस से ही अलग हो गए और अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन कर लिया.

पंजाब कांग्रेस में कलह जारी, बैठक बीच में छोड़कर निकले सिद्धू, नाराज चन्नी को हरीश चौधरी ने मनाया

 

सिद्धू लगातार चन्नी सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते रहे हैं. यहां तक कि सस्ती बिजली और पेट्रोल-डीजल पर भी उन्होंने निशाना साधा था. सिद्धू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम चन्नी पर कई आरोप लगाए थे, जिससे चन्नी भी बेहद नाराज हो गए थे. बाद में जैसे-तैसे पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने उन्हें शांत कराया.