चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस अंतर्कलह से जूझ रही है. पहले तो कैप्टन अमरिंदर सिंह का सीएम पद से 18 सितंबर को इस्तीफा होगया. फिर 20 सितंबर को चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री बन गए. इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने 28 सितंबर को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. एक-दूसरे पर बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी खूब चला. अब नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम चन्नी पर निशाना साधा है.

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जो नवजोत सीएम चन्नी के गले में हाथ डाले चल रहे थे, एक साथ चाय-पकौड़े खा रहे थे. वही अब आरोपों की बौछार कर रहे हैं. दरअसल सिद्धू ने कहा कि मुख्यमंत्री उन्हें बनाया जाना चाहिए था, न कि चन्नी को. उन्होंने कहा कि चन्नी कांग्रेस की लुटिया ही 2022 में डुबो देंगे. इस बयान के सामने आने के बाद अकाली दल ने भी उन्हें घेरा है.

 

सिद्धू ने सीएम चन्नी के लिए आपत्तिजनक भाषा का किया इस्तेमाल

 

जानकारी के मुताबिक, मोहासी एयरपोर्ट चौक पर आने से पहले सिद्धू ने सीएम चन्नी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया. दरअसल कल सिद्धू ने लखीमपुर खीरी घटना के विरोध में रोष यात्रा निकाली थी.

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जब परगट सिंह ने 2 मिनट सीएम चन्नी का इंतजार करने की बात कही, तो सिद्धू ने कहा कि हम इतनी देर से यही तो कर रहे हैं. फिर परगट सिंह ने कहा कि आज बहुत लोग इकट्ठे हुए हैं. आज बल्ले-बल्ले हो गई. इस पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्किंग प्रेसिडेंट सुखविंदर सिंह डैनी ने कहा कि ये कार्यक्रम तो सक्सेसफुल है. इस पर नवजोत सिंह सिद्धू तैश में आते हुए कहते हैं, ‘अभी कहां सक्सेस. भगवंत सिंह सिद्धू (नवजोत सिंह सिद्धू के पिता) के बेटे को बनाते सीएम तो फिर दिखाता सक्सेस.’ इसके बाद सिद्धू ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया और फिर कहा, ‘2022 में तो ये कांग्रेस ही डुबो देगा.’

 

अकाली दल ने सिद्धू को घेरा

 

वीडियो सामने आने के बाद अकाली दल के उपाध्यक्ष डॉक्टर दलजीत चीमा ने सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा कि वे दलित को सीएम के रूप में स्वीकार नहीं कर पा रहे, इसलिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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ये आरोप कोई पहली बार नहीं लग रहे हैं. सिद्धू ने जब इस्तीफा दिया था, तब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर बीजेपी तक ने ये आरोप लगाए थे कि एक दलित का मुख्यमंत्री बनना सिद्धू बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. जब चन्नी सीएम बने थे और हर जगह सिद्धू उनके आगे-आगे चल रहे थे, तब सिद्धू पर सुपर सीएम की तरह काम करने और मुख्यमंत्री पद की गरिमा कम करने के भी आरोप लग चुके हैं.