Significance of Alta: हिंदू धर्म में महिलाओं के 16 श्रृंगारों का विशेष महत्व है. इन्हीं में से एक है, हाथों और पैरों पर लगाया जाने वाला लाल अल्ता. यह न केवल स्त्रियों की सुंदरता को निखारता है, बल्कि शुभता और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है. आमतौर पर विवाहित महिलाएं इसे त्योहारों, व्रतों और धार्मिक अवसरों पर लगाती हैं.
लेकिन आज की आधुनिक पीढ़ी में कई बार कुंवारी कन्याएं भी इसे लगाते हुए देखी जाती हैं. ऐसे में सवाल उठता है, क्या यह परंपरा केवल शादीशुदा स्त्रियों तक ही सीमित है?
Also Read This: सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा क्यों है खास? जानें नियम और इसके चमत्कारी लाभ

Significance of Alta in Hindu Culture
Also Read This: 18 अक्टूबर तक चमक सकता है इन 4 राशियों का भाग्य: बृहस्पति गोचर से मिलेगा फायदा
धर्म क्या कहता है? (Significance of Alta)
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, अल्ता केवल विवाहित महिलाओं के लिए ही नहीं है. यह देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. यही कारण है कि जब किसी घर में कन्या का जन्म होता है, तो गृहप्रवेश के समय उसके पैरों में कुमकुम या अल्ता लगाया जाता है.
नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन में भी छोटी-छोटी कन्याओं के चरणों में अल्ता सजाया जाता है. इसे देवी का स्वागत माना जाता है, जिससे घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.
Also Read This: महाराष्ट्र के इस्लामपुर का नाम बदलकर किया गया ईश्वरपुर, छगन भुजबल बोले- कैबिनेट का प्रस्ताव केंद्र को भेजेंगे ; 1986 से नाम बदलने की हो रही थी मांग
अल्ता लगाते समय दिशा और दिन का भी रखें ध्यान (Significance of Alta)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अल्ता लगाते समय दक्षिण दिशा की ओर मुख नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह दिशा यम दिशा मानी जाती है.
मंगलवार को अल्ता या श्रृंगार से संबंधित कार्य करने से बचना चाहिए. यदि घर में किसी का देहांत हुआ हो और सूतक चल रहा हो, तो उस दौरान कोई नया श्रृंगार करना वर्जित माना गया है.
Also Read This: शनि के प्रकोप को यह रुद्राक्ष करता है शांत…पहनते समय इन बातों का रखें ख्याल
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें