भोपाल- मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में काम करने वाली विज्ञापन एजेंसी व्यापक इंटरप्राइजेस को कमलनाथ सरकार में करोड़ों रूपए के काम का ठेका मिला था. राजनीतिक रसूख के दम पर एजेंसी काम उठाती चली गई. यह रसूख ही था कि पर्दे के पीछे भी कई तरह के काम किए जाने की खबरें चर्चाओं में बनी. पिछले दिनों बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी डी शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में यह सवाल उठाते हुए पूछा था कि 20 मार्च को जनसंपर्क विभाग की एजेंसी माध्यम के जरिए 4 करोड़ रूपए का विज्ञापन किसे दिया गया? आयकर विभाग की तफ्तीश को लेकर हो रही चर्चाओं में यह भी कहा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के किसी करीबी के साथ मिलकर व्यापक इंटरप्राइजेस ने पूरे प्रदेश में एडवरटाइजमेंट का बड़ा काम किया था. चर्चा यह भी कहती है कि मध्यप्रदेश में हुए उप चुनाव में भी इस एजेंसी की पर्दे के पीछे से भूमिका रही. सूत्र बताते हैं कि इससे ही सरकार नाराज थी. यह इनपुट ऊपर तक जा पहुंचा और एजेंसी जांच की जद में आ गई.

राजधानी भोपाल के न्यू मार्केट इलाके में मालवीय नगर और टीटी नगर स्थित दो निजी विज्ञापन एजेंसियों के दफ्तर समेत अन्य ठिकानों पर आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों द्वारा छापामार कार्रवाई शुरू की गई थी. छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित कम्पनी के कार्यालय में भी इसी तरह की कार्रवाई की गई. आयकर छापे के दौरान जप्त किए गए दस्तावेजों की पड़ताल में कई तथ्य सामने आए. आयकर सूत्रों ने बताया कि छापे में बड़ी तादात में लूज पेपर जप्त किए गए थे. इनके परीक्षण में कई जानकारी सामने आई है.  विजन फोर्स कंपनी को लेकर चर्चा है कि इस एजेंसी ने बीजेपी सरकार के आने के बाद से तेजी से काम हासिल किए. राजनैतिक संबंधों का इस्तेमाल करते हुए कंपनी ने बड़े काम लिए. पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जितने भी वर्चुअल भूमिपूजन और लोकार्पण हुए, उसके काम भी इसी संस्था के पास थे. बताते हैं कि बेहद कम समय में अपने रसूख के दम पर विजन फोर्स कंपनी के मालिक संजय प्रकट ने लगभग 3800 करोड़ का बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया.

बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई

भीतरखाने के सूत्र बताते हैं कि छापे का यह पूरा मामला दरअसल बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई और चुनावी लेन-देन का नतीजा है. यह लड़ाई बंद कमरे से निकलकर बाहर आ गई. चर्चाएं सार्वजनिक हुई, तो नतीजा आयकर के छापे के रूप में सामने आया. छत्तीसगढ़ में भी तत्कालीन बीजेपी सरकार के दौरान व्यापक एजेंसी ने अपने रसूख के दम पर कई बड़े काम किए. सत्ता परिवर्तन के बाद संवाद में हुए घोटाले की जांच की जद भी एजेंसी तक पहुंची है.