Silver vs Apple Investment : हाल ही में चांदी की कीमतें रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रही हैं. फ्यूचर्स मार्केट में, एक औंस (28.35 ग्राम) चांदी अब $71 का आंकड़ा पार कर गई है. इस उछाल के साथ, इस साल चांदी में लगभग 150% की बढ़ोतरी हुई है. इतना ही नहीं, चांदी अब दुनिया की तीसरी सबसे कीमती एसेट बन गई है. इसने iPhone बनाने वाली कंपनी एप्पल को भी पीछे छोड़ दिया है. चांदी अब सिर्फ़ सोने और चिप कंपनी Nvidia से पीछे है.

मंगलवार को अमेरिकी स्टॉक मार्केट में क्लोजिंग आंकड़ों के अनुसार, एप्पल का मार्केट कैपिटलाइजेशन $4.02 ट्रिलियन (₹360.97 लाख करोड़) है, जबकि चांदी ने इसे $4.04 ट्रिलियन (₹362.77 लाख करोड़) के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ पीछे छोड़ दिया है.
चांदी क्यों चमक रही है?
ट्रेडर्स का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले साल फिर से ब्याज दरें कम कर सकता है, भले ही सिर्फ एक बार. तीसरी तिमाही के मजबूत GDP आंकड़ों के बावजूद, ट्रेडर्स को ब्याज दरों में कटौती की काफी उम्मीदें हैं.
भले ही GDP के आंकड़े एक मजबूत अमेरिकी अर्थव्यवस्था का संकेत देते हैं, लेकिन बाजार का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अगले चेयरमैन जेरोम पॉवेल की तुलना में अधिक नरम रुख अपनाएंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कम ब्याज दरों के विचार को अपना सकते हैं. इसने चांदी की कीमतों को सपोर्ट दिया है.
अक्टूबर में तेज शॉर्ट स्क्वीज के बाद, औद्योगिक मांग और ETFs में बड़े निवेश ने चांदी की कीमतों को फिर से ऊपर धकेल दिया है, और वे उच्च स्तर पर बनी हुई हैं. चांदी ग्लोबल सप्लाई चेन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और मेडिकल डिवाइस की कोटिंग में किया जाता है.
चार्ट पर क्या स्थिति है और भविष्य के ट्रेंड क्या हैं? दुनिया के सबसे बड़े सिल्वर ETF, iShares Silver Trust की 3-महीने की इम्प्लाइड वोलैटिलिटी 2021 की शुरुआत के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि 3-महीने का कॉल-टू-पुट वोलैटिलिटी रेशियो, जो बुलिशनेस का संकेत देता है, अक्टूबर 2025 के मध्य के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया है. चार्ट पर, रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 80 पर है, जो बताता है कि यह ओवरबॉट जोन में है. 70 से ऊपर का RSI आमतौर पर ओवरबॉट माना जाता है.
पेपरस्टोन ग्रुप के स्ट्रेटेजिस्ट अहमद असिरी का कहना है कि कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी के बावजूद चांदी की अपील कम नहीं हो रही है, क्योंकि निवेशक अभी भी इसकी तरफ आकर्षित हैं. उनका मानना है कि $70 का लेवल अब रेजिस्टेंस का काम नहीं कर रहा है और अब यह खरीदने का अच्छा मौका है.


