मेरी पत्नी की तबीयत खराब रहती है, खाना मुझे बनाना पड़ता है. पत्नी का बदन दर्द करता है, इसलिए हाथ-पैर भी दबाता हूं. रोटी संभलती नहीं, बनाओ तो जल जाती है. इससे पत्नी गुस्सा होती है. इसलिए दलिया बनाकर खा रहा हूं. ऊपर से कम्बख्त रोड बड़ी खराब है. इसलिए जाम में फंसने से अक्सर कार्यालय देर से पहुंच पाता हूं. अब कल से पत्नी की सेवा सुबह और जल्दी कर लूंगा. जल्दी निकलूंगा, बाकी आप साहब खुद समझदार हैं.’ ये पंक्तियां सहायक वाणिज्य कर आयुक्त कार्यालय कर्वी में तैनात आशुलिपिक की ओर से भेजे गए उस दर्द की पाती की हैं, जो उसने देरी से आने पर मांगे गए स्पष्टीकरण के जवाब में भेजा. फिलहाल आशुलिपिक की भाषा पर आपत्ति जताते हुए उसे चेतावनी दी गई है.
चित्रकूट. डिप्टी कमिश्नर वाणिज्यकर एमएस वर्मा ने हाल ही में 18 अगस्त को सहायक आयुक्त खंड-दो वाणिज्यकर कार्यालय का निरीक्षण किया था. इस दौरान वहां तैनात आशुलिपिक अशोक कुमार 10.15 बजे तक कार्यालय नहीं पहुंचे थे. इस पर एमएस वर्मा ने संबंधित आशुलिपिक को जवाब तलब करते हुए स्पष्टीकरण मांगा था कि क्यों न आपको प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाए. इसके जवाब में जो पत्र लिखा गया उससे हलचल मच गई. देखते ही देखते पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस पर सरकारी कर्मियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए लोगों ने खूब चुटकी ली.