रायपुर. कृषिमंत्री रविंद्र चौबे ने बारदाना को लेकर भाजपा पर पलटवार किया है. रायपुर में बीजेपी के बारदाना गिफ्ट करने के बयान पर उन्होंने कहा कि ये बारदाना वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजेंगे और लिखेंगे कि छत्तीसगढ़ में भाजपा चाहती है कि धान की खरीदी 2500 रुपये में हो और जो केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य से अधिक दर पर किसानों से धान खरीदी पर रोक लगाई हुई है, उस आदेश को केंद्र सरकार वापिस ले.

चौबे ने धान खरीदी में केंद्र सराकर द्वारा अडंगा डालने का आरोप दोहराया है. उन्होंने भाजपा नेताओं से कहा कि उन्हें इस संबंध में प्रधानमंत्री से आग्रह करना चाहिए.

चौबे ने कहा है कि प्रतिपक्ष को और पढ़ने की नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को पता होना चाहिए बारदाने का इस्तेमाल कितनी बार हो सकता है.

गौरतलब है कि सरकार कह रही है कि प्रदेश में बारदाने की कमी है. जिसके चलते धान खऱीदी में बिलंब हो रहा है. सरकार का ये भी आरोप है कि केंद्र सरकार जितने बारदाने मांगे गए हैं, उतनी संख्या में मुहैया नहीं करा रही है. चौबे ने कहा कि राज्य सराकर ने तीन लाख बारदाने मांगे थे जिसमें से केवल 1.43 लाख बारदाने की राज्य सरकार को मुहैया कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को थोड़ा अध्ययन करना चाहिए. उन्हें भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्होंने बताया कि बारदाने का वितरण केंद्र के अधीन जूट कमिश्नर के जरिए होता है. कोरोना के चलते जूट कारखाने बंद थे जिसका हवाला देकर केंद्र सरकार 3.50 लाख की जगह 1.46 हज़ार बारदाने ही दे रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता कहकर और बारदाने दिलवा दें.

बारदाने की कमी के आरोपों के बाद बीजेपी नेता चंद्रशेखर साहू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषिमंत्री रविंद्र चौबे को बारदाना भेज दिया है.

चौबे ने ये बातें छत्तीसगढ़ सिंचाईं विकास प्राधिकरण की बैठक के बाद हुई मीडिया के सवालों के जवाब में कही. उन्होंने बताया कि बैठक में सबसे पहले अरपा-छपराटोला जलाशय का काम प्राधिकरण के माध्यम से करने पर सहमति बनी है. इसके अलावा अरिहन-खारुन लिंक परियोजना का पानी मिशन अमृत के तहत प्राधिकरण के तहत करवाने पर सहमति बनी है. उन्होंने बताया कि गंगा बेसिन की रिहंद-अटेम की परियोजना का काम भी प्राधिकरण करेगा. इन तीनों योजनाओं के लिए फंडिग एजेसिंयो से चर्चा का काम शुरु करने के निर्देश दिए गए हैं. आने वाले मंत्रीमंडल की बैठक में इस पर मंत्रीमंडल से मुहर लगाने के लिए रखा जाएगा.