उत्तराखंड में कई हस्तशिल्पकार चीड़ के पत्तों से आभूषण और रोज़मर्रा की वस्तुएं जैसे टोकरी और सजावट के सामान बना रहे हैं और इनकी मांग देश विदेश में बहुत ज़्यादा है. अब तो चीड़ के पत्तों से ग्रीन टी, इसकी छाल से कई हस्तशिल्प और यहाँ तक कि कुकीज भी बनाए जा सकते हैं.
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रुद्रप्रयाग में हमारा गांव घर फाउंडेशन भी ऐसा ही एक कमाल कर रहा है. इस फाउंडेशन के सहयोग की बदौलत ही कई महिलाएं पिरूल हस्तशिल्प की कला को आगे बढ़ा रही हैं. पुस्तकालय गांव की महिलाएं इसी पिरूल से राखियां बना रही हैं. ये राखियां देखने में तो सुन्दर हैं ही साथ ही प्रकृति के साथ जुड़े रहने का एहसास भी करवाती हैं. इन राखियों को हमारा गांव घर फाउंडेशन आप तक पहुंचा रहा है.
पिछले साल भी पुस्तकालय गांव की महिलाओं ने पिरूल की राखियां बनाई थीं, जिन्हें देश भर में पसंद किया गया था. इस साल भी ये राखियां कई जाने माने कलाकारों, शिक्षाविदों और फ़िल्मकारों तक पहुंच रही हैं. पुस्तकालय गांव मणिगुह ने पिछले दो साल में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. अभी पुस्तकालय गांव स्थित पुस्तकालय में 17 हज़ार से ज्यादा किताबें उपलब्ध हैं.
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