रायपुर. ई-कॉमर्स कारोबार में बड़ी कंपनियों की बादशाहत है. भारत में सरकार शुक्रवार से दिल्ली-एनसीआर समेत देश के 5 शहरों से ओपेने नेटवर्क डिजिटल कामर्स प्लेटफार्म का पायलट प्रोजेक्ट लांच करने जा रही है. इस प्लेटफार्म में ना केवल आप शॉपिंग कर पाएंगे बल्कि इसके जरिए आप सामान भी बेच सकेंगे. वहीं इस प्लेटफार्म के जरिए छोटे दुकानदारों के प्रॉडक्ट्स भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर करोड़ों ग्राहकों के लिए उपलब्ध होंगे. इससे अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों की बादशाहत पर अंकुश लगेगा.

बता दें कि सरकार एक ऐसा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाना चाहती है जिस पर 10 रुपये के साबुन से लेकर हजारों रुपये के एयरलाइन टिकट तक खरीदना और बेचना मुमकिन हो सके. इससे छोटे कारोबारियों की चिंता दूर होगी.

छोटे रिटेलर्स का फायदा
ऑनलाइन खुदरा बाजार में इनकी 80 फीसदी हिस्सेदारी है. ये दोनों कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर ज्यादा से ज्यादा डिस्काउंट देकर ग्राहकों को आकर्षित करती हैं. इसका फायदा ग्राहकों को तो होता है लेकिन इस वजह से छोटे रिटेलर्स को पनपने का मौका नहीं मिलता है. साथ ही गली-मोहल्ले की किराना दुकानों को खतरा पैदा हो गया है. पहले यह सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित था. मगर अब छोटे शहरों में भी इन ई-कॉमर्स कंपनियों की पैठ बढ़ती जा रही है. इसी को ध्यान में रखकर सरकार ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) बनाना चाहती है.

नंदन निलेकणि बना रहे हैं प्रोजेक्ट
इस ओपन टेक्नोलॉजी नेटवर्क को बनाने में सरकार की मदद इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन निलेकणि कर रहे हैं. वह पहले भी आधार और यूपीआई के प्रोजेक्ट में सरकार की मदद कर चुके हैं. दरअसल, सरकार की योजना ई-कॉमर्स कारोबार में बड़ी कंपनियों की बादशाहत को खत्म कर सबसे लिए बराबर का मौका उपलब्ध कराना है. ई-कॉमर्स में अभी अमेजन और फ्लिपकॉर्ट जैसी बड़ी कंपनियों का एकाधिकार है.


जानकारी के अनुसार, निलेकणि को पिछले साल ओएनडीसी का सलाहकार नियुक्त किया गया था. उनकी कोशिश है कि जिस तरह से डिजिटल पेमेंट में यूपीआई ने क्रांति ला दी है, ठीक उसी तरह से ई-कॉमर्स में भी ओएनडीसी के जरिये क्रांति लाई जाए.