कुमार इंदर, जबलपुर। कोरोना आपदा मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में सरकार ने बताया कि कोरोना के इलाज के लिए प्रदेश के निजी अस्पतालों में रेट तय कर दिये गए हैं। सरकार ने बताया कि निजी अस्पताल में जनरल वार्ड 5 हज़ार, आईसीयू के लिए 10 हज़ार रु प्रतिदिन की दर और वेंटिलेटर युक्त ICU के लिए 17 हज़ार रु प्रतिदिन की दर तय की गई है।
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जो दर तय की गई है उसमें अस्पताल का नर्सिंग चार्ज, डॉक्टर्स फीस, डाईट, पीपीई किट का खर्च शामिल होगा। निजी अस्पताल तय दर के अलावा सिर्फ दवाओं और जांचों का खर्च ही मरीज से ले पाएंगे।
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तय की गई दर 10 जून से लागू करने के सरकार के फैसले पर कोर्ट मित्र ने आपत्ति जताई। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार को 10 जून की बजाय 1 जून से अधिकतम दर लागू करने का फैसला सुनाया।
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आपको बता दें इससे पहले हुई सुनवाई में सरकार ने अपने जवाब में यह कहा था कि, निजी अस्पतालों के लिए दरें तय करना सरकार के लिए व्यावहारिक नहीं है। जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि मरीजों का दर्द कोर्ट का दर्द है, सरकार इस तरह का जवाब देकर नहीं बच सकती।
हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि निजी अस्पतालों में लूट मची हुई है। गरीब आदमी अपना सब कुछ बेच कर, गिरवी रखकर जिंदगी की जंग लड़ रहा है और सरकार का यह उदासीन रवैया कहीं से भी बर्दाश्त के काबिल नहीं है। हाईकोर्ट की फटकार के बाद आखिरकार सरकार ने आज अपना जवाब पेश कर दिया। जिसमें नई दरें तय की गई है।
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