नारायणपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है कि छत्तीसगढ़ मलेरिया मुक्त हो, इसी उद्देश्य के लिए मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान चलाया जा रहा है. जिले को मलेरिया मुक्त करने अबूझमाड़ के अंतिम छोर तक पगडंडियों के सहारे स्वास्थ्य अमला पहुंचा है. जिले में अब तक 1 लाख 42 हजार लोगों की मलेरिया जांच की जा चुकी है, जिसमें कुल 2 हजार 566 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए. स्वास्थ्य शिविर में 15 सौ से अधिक मरीजों का उपचार किया गया.


नारायणपुर कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी भी जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सजग एवं संवेदनशील है. कलेक्टर रघुवंशी जिले को मलेरिया से मुक्त करने तथा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं अंदरूनी क्षेत्रों तक पहुंच बनाने के लिए योजना तैयार कर कार्य को प्राथमिकता से किया जा रहा है. जिले में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की भी समीक्षा लगातार कर रहे हैं और अधिकारियों से कहा गया है कि जब जांच दल मलेरिया की जांच के लिए अदंरूनी क्षेत्रों में जाए तो मलेरिया के साथ-साथ स्कैबीज, मोतियाबिंद, टीबी, दाद-खाज-खुजली, सर्दी, खांसी सहित अन्य बीमारियों के भी लक्षण पाए जाने पर जांच करें.

शिविर लगाकर लोगों की जांची सेहत
कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर मलेरिया जांच करने बीते दिनों स्वास्थ्य अमला लंका और हांदावाड़ा क्षेत्र में धुर नक्सल प्रभावित घने जंगलों एवं पहाड़ों को पगडंडियों के सहारे पार करते हुए गांव लंका, पदमेटा, कारंगुल और रासमेटा बीजापुर जिले से पहंुचा. स्वास्थ्य अमले में डॉ सुखराम डोरपा, खंड चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में उनके सहयोगी डॉ. अनुराधा नेताम, डॉ. श्यामबर सिंह, स्टाफ नर्स कु सरस्वती दुग्गा शामिल थे. स्वास्थ्य अमले ने इन गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया. इस दौरान मलेरिया, स्कैबीज, मोतियाबिंद का स्क्रीनिंग एवं अन्य बीमारियों की जांच की गई और वहां के बच्चों एवं ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा एवं स्वास्थ्य परामर्श दिया गया.


मरीजों की जांच कर निशुल्क दी जा रही दवा
हांदावाड़ा और लंका बीहड़ क्षेत्र है, जहां पहुंचने के लिए बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले को पार कर जाना पड़ता है. यहां पहुंचने नदी-नालों को पार करना पडता है. बारिश के दिनों में यहां स्थितियां और भी गंभीर होती है. डॉ. डोरपा के नेतृत्व में यह दल भी इसी मार्ग के जरिए इन गांवों में पहुंचा और मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवश्यकतानुसार जीवनरक्षक दवाइयों का निःशुल्क वितरण किया.

477 घरों में पाए गए मलेरिया के लार्वा
जिले में बीते 17 मई से 16 जून तक मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान संचालित किया गया, जिसमें 1 लाख 41 हजार 891 लोगों की मलेरिया जांच की गई. जांच के दौरान कुल 2 हजार 566 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए. इसमें से 19 मरीजों को रेफर किया गया. अभियान के दौरान 477 घरों में मलेरिया के लार्वा पाए गए. जांच के दौरान 234 लोग टीबी रोग से ग्रसित पाए गए और 181 लोगों के बलगम जांच करने भेजा. मोतियाबिंद सर्वेक्षण के दौरान 730 लोगों को कम दिखाई देने की शिकायत प्राप्त हुई. वहीं 76 लोगों ने दिखाई नहीं देना बताया. जांच के दौरान 414 लोगों ने 6 सप्ताह से अधिक खुजली होने की भी जानकारी दी.


अबूझमाड़ क्षेत्र में प्राथमिकता से पहुंच रहे : कलेक्टर
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरुआत 17 मई से हुई है. जिले में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया लेकिन जिले में यह अभियान अभी चलता रहेगा. लक्ष्य के अतिरिक्त लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी. ओरछा ब्लाॅक के अबूझमाड़ क्षेत्र में जहां घने जंगल और पहाड़ से घिरा क्षेत्र है. उस क्षेत्र में हम प्राथमिकता से पहुंच रहे हैं, हमारी टीम जिले के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने कृत संकल्पित हैं. अभियान को शत-प्रतिशत पूरा करने के लिए दलों का गठन किया गया है.