पंकज सिंह भदौरिया, दन्तेवाड़ा। सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी को पुलिस ने धारा 151 के तहत शांति भंग करने के आरोप में पालनार से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए मनीष कुंजाम ने कहा कि जब आदिवासी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने पहुंच रहे थे, तब आंदोलन को कुचला जा रहा है. सोनी सोरी की गिरफ्तारी गलत तरीक़े से की गई है. इससे आंदोलन आगे और तेज होगा.

बता दें कि सोनी सोरी 4 अक्टूबर को दन्तेवाड़ा जिला प्रशासन से जेल में बंद कैदियों की रिहाई मामले को लेकर कुआकोंडा में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करना चाहती थी. प्रशासन ने आवेदन में भीड़ की संख्या और आंदोलन का समय नहीं दर्शाने के साथ नक्सलग्रस्त इलाके में सुरक्षा का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी थी.

प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने के बाद भी रैली के लिए अंदरुनी इलाके बुरगुम, अरनपर, पोटाली, नीलावाया, बर्रेम, जबेली, पोरदेम, चिरमुर, गोडेरास से हजारों ग्रामीण पालनार में जमा हो गये थे. मौके की नजाकत को देखते हुए फोर्स भी महिला कमांडो के साथ मौजूद थी. रैली के लिए सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी के पालनार पहुंचने के बाद महिला कमांडो ने उन्हें अरेस्ट कर गाड़ी में बिठाकर दन्तेवाड़ा ले गये. सोनी सोरी के गिरफ्तार होते ही ग्रामीण अपने-अपने गांव के तरफ चल दिये.

प्रशासन की तरफ से कुआकोंडा तहसीलदार और किरन्दुल एसडीओपी देवांश राठौर ने पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया. वाम पंथी दल से संबद्ध रखने वाले मनीष कुंजाम ने इस गिरफ्तारी को पुलिस बर्बरता बताते हुए कहा कि आंदोलन में कोई भी आदिवासी पारम्परिक हथियार भी नहीं लेकर आया था. सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था जेल बन्द आदिवासीयो की रिहाई करेंगे.