रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ की उच्च स्तरीय जांच समिति ने लोहारीडीह का दौरा किया। प्रदेश अध्यक्ष टहल सिंह साहू के नेतृत्व में जांच समिति ग्राम लोहारीडीह पहुंचकर वस्तुस्थिति का अवलोकन किया। जांच समिति ने घटना की निंदा की। समिति ने लोहारीडीह हिंसा मामले में जांच समिति ने प्रंशात साहू के परिवार को सरकारी नौकरी, तीनों परिवारों को 1 करोड़ रुपए मुआवजा, गिरफ्तार ​लोगों को निशर्त रिहाई और एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव को बर्खास्त करने की मांग सरकार से की है।

छत्तीसगढ़ साहू समाज की 16 सदस्यीय टीम पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। प्रदेश अध्यक्ष टहल साहू ने साहू समाज भवन में प्रेस कांफ्रेंस कर नाराजगी जताई। उन्होंने लाहारीडीह में तीनों मृतकों के परिजनों लिए सरकारी नौकरी और एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा राशि की मांग रखी। एक सप्ताह के भीतर मांगे पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। साथ ही एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव को बर्खास्त करने की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष टहल सिंह साहू ने पूरी घटना के लिए प्रशासन को दोषी ठहराया।

प्रदेश अध्यक्ष टहल सिंह साहू ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मृतक प्रशांत साहू के परिवार में उनका एक छोटा बेटा है। सरकार उसको शिक्षा और शासकीय नौकरी दे। उस परिवार को कम से कम 1 करोड़ रुपया मुआवजा राशि दें। ताकि उनके परिवार का पालन पोषण हो सके। साथ ही रघुनाथ साहू का आगजनी में मृत्यु हुई है उसको भी सरकार मुआवजा दे और शिव प्रसाद उर्फ कचरू साहू की मृत्यु का निष्पक्ष जांच कर उनके परिवार को भी को भी राहत राशि प्रदान करें। सरकार तीनों परिवार को मुआवजा दें और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। इस घटना में मुख्य रूप से आरोपित व्यक्ति को सरकार न्यायिक जांच बैठा कर अपराधी को सामने लाएं और उचित न्याय दिलाए। इस प्रकार की भविष्य में घटना न हो इसकी चिंता करें और जो बहुत सारे निर्दोष लोग और खासकर महिलाएं थाना में व जेल में बंद है उनको सरकार तत्काल निशर्त रिहा करें।

बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य के बॉर्डर में स्थित ग्राम लोहारीडीह थाना रेंगाखार जिला कबीरधाम में विगत दिनों जो आगजनी और प्रशांत साहू की न्यायिक हिरासत में मौत के विषय को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया। इसमें प्रदेश अध्यक्ष टहल सिंह साहू के नेतृत्व में जांच समिति ग्राम लोहारीडीह पहुंचकर वस्तुस्थिति का अवलोकन किया।

टहल सिंह साहू ने बताया कि वहां जाने से पता चला कि यह विवाद दो परिवारों के बीच का था।शिवप्रसाद साहू उर्फ़ कचरू साहू और रघुनाथ साहू के परिवार में आपसी रंजिश थी। इस बीच 15 सितंबर को शिवप्रसाद उर्फ कचरू साहू की मौत हो गई। गांव से दूर फांसी में लटका हुआ मिला था। उसकी हत्या करने वाला का अभी तक पता नहीं चला है। लेकिन गांव में अफवाह फैल गई की रघुनाथ साहू ने उसकी हत्या की गई। इस बीच सुबह 10 बजे रघुनाथ साहू के घर में सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुषों उसके घर में आग लगा दी।रघुनाथ साहू को घर में बंद कर दिया। आग से झुलस जाने के कारण रघुनाथ साहू की मौत हो गई। उसकी पत्नी के साथ भी मारपीट की गई। इस बीच पुलिस प्रशासन के पहुंचने पर पुलिस के साथ भी झूमा झटकी हुई। इसके बाद गांव के 70 लोगों को पुलिस हिरासत में लेकर जेल में डाल दिया। इस बीच प्रशांत साहू की पुलिस हिरासत में मृत्यु हो गई।

छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के प्रतिनिधिमंडल में छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष टहल सिंह साहू, उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, मालकराम साहू, महामंत्री हलधर साहू, दयाराम साहू, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष थानेश्वर साहू, कार्यकारी अध्यक्ष विष्णु साहू, उपाध्यक्ष भीखम साहू, प्रमोद साहू, महिला प्रकोष्ठ के सहसंयोजक अंजनी साहू, युवा प्रकोष्ठ के संयोजक पवन साहू, सहसंयोजक दुलीकेशन साहू, साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति के अध्यक्ष लाला साहू, संरक्षक मनोहर साहू, पिथौरा प्रदेश संयुक्त सचिव पंचम साहू, जिला साहू संघ बेमेतरा के उपाध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह साहू, हरीश साहू, घनश्याम साहू, प्रकाश साहू, बेमेतरा जिला साहू संघ मुंगेली के पूर्व अध्यक्ष बलदाऊ साहू, अध्यक्ष पुहुपराम साहू एवं युवा प्रकोष्ठ के प्रफुल्ल साहू, विक्की साहू, कामत साहू सहित ग्रामवासी एवं सामाजिक पदाधिकारी उपस्थित थे।