भिलाई. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण देने के बाद मिलने वाली राशि का गबन किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. प्रशिक्षण देने वाली संस्था पर आरोप है कि इस संस्था ने प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षाणर्थियों को मिलने वाली राशि को खुद ही निकाल लिया. संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस फर्जीवाड़े में कही न कही बैंक की भी मिली भगत हो सकती है. मामला तब प्रकाश में आया जब प्रशिक्षाणर्थियों के खाते में पैसे आने के बाद वापिस निकल गये.

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत भिलाई स्थित एनजीओ आंजनेय एजुकेशन सोसायटी द्वारा लोगों को प्रशिक्षित करने का काम किया जा रहा है. इस संस्था द्वारा साल 2016 में भी कई लोगों को प्रशिक्षित किया गया था. इस दौरान इन प्रशिक्षाणर्थियों का देना बैंक में खाता भी यह कहकर खुलाया गया था कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उनके खाते में 10 हजार रूपये आयेंगे. लेकिन प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद कई महीने तक उन्हें यह राशि नहीं मिली. इस पैसे के लिए प्रशिक्षाणर्थियों ने संस्था सहित देना बैंक के प्रबंधन से भी बात की लेकिन उन्हें हर बार यह कहकर भगा दिया गया की अब तक सरकार की ओर से पैसा नहीं आया.

इसी बीच तीन चार दिन पहले अचानक इन प्रशिक्षाणर्थियों को देना बैंक की पास बुक दे दी गई, लेकिन जब ये प्रशिक्षणार्थी पैसे निकालने देना बैंक पहुंचे तो बैंक ने पैसे देने से इंकार कर दिया. जिसके बाद प्रशिक्षाणर्थियों ने इस बात की जानकारी क्षेत्र के पार्षद लक्ष्मीपति को दी. पार्षद ने जब इस बारे में जानकारी ली तो पता चला कि इन प्रशिक्षाणर्थियों के खाते में अप्रेल 2017 में ब्याज के साथ पैसे जमा हो गये थे लेकिन आंजनेय एजुकेशन सोसायटी ने एक दस्तावेज बैंक को दिया है जिसमें लिखा है कि प्रशिक्षाणर्थियों के खाते में आने वाली राशि को आंजनेय एजुकेशन सोसायटी को ही दी जाये. जिसके चलते इस ​राशि का भुगतान बैंक द्वारा प्रशिक्षाणर्थियों को नहीं किया गया है. इस बात का पता चलने के बाद अब पार्षद ने प्रशिक्षाणर्थियों के साथ मिलकर पुलिस में शिकायत करने की बात कही है.

वहीं इस मामले में आंजनेय एजुकेशन सोसायटी के प्रबंधन की प्रतिक्रिया अब तक नहीं मिल सकी है. आपको बता दें कि इसके पूर्व भी आंजनेय एजुकेशन सोसायटी पर बिना प्रशिक्षण दिये प्रशिक्षाणर्थियों को प्रमाण पत्र देने और उनके खाते से पैसे निकालने का आरोप लग चुका है. उसके बाद इस संस्था पर दुबारा इस तरह के आरोप लगे हैं.