उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की जिस सोन पहाड़ी में कथित स्वर्ण अयस्क मिलने की संभावना जताई गई है, उसकी चोटी में आदिवासियों के कुलदेवता ‘सोनयित डीह बाबा’ का हजारों साल पुराना एक मंदिर भी है. यदि पहाड़ी में खनन हुआ तो यह मंदिर भी ढह सकता है.

 सोनभद्र जिले के पनारी गांव पंचायत की जुड़वानी गांव स्थित सोन पहाड़ी में हाल ही में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने अपने सर्वे में करीब तीन हजार टन स्वर्ण अयस्क पाए जाने और उससे करीब 160 किलोग्राम सोना निकलने की संभावना जताई है, लेकिन यह बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि इसी सोन पहाड़ी की चोटी में हजारों साल पुराना आदिवासियों के कुलदेवता ‘सोनयित डीह बाबा’ का स्थान भी है, जिसकी पूजा-अर्चना आदिवासी राजा बल शाह भी किया करते थे और अब यह मंदिर हजारों आदिवासियों की आस्था का केंद्र बना हुआ है.

कहा तो यहां तक जा रहा है कि 711 ईस्वी में चंदेल शासक के हमले के बाद आदिवासी राजा बल शाह अपना अगोरी किला छोड़कर किसी गुफा (खोह) में छिप गए थे और उनकी रानी जुरही देवी ने इसी मंदिर में शरण ली थी. मगर चंदेल शासक ने जुरही देवी को पकड़कर जुगैल गांव के जंगल में ले जाकर मार दिया था. इसी कुलदेवता के मंदिर में अष्टधातु की बहुत पुरानी एक तलवार भी रखी है, जिसे आदिवासी रानी जुरही की तलवार बताते हैं और उसकी पूजा भी करते हैं.