लेह के जिला मजिस्ट्रेट ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत को लेकर उठे सवालों पर जवाब दिया है. दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि सोनम की अवैध हिरासत के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं और उनकी गिरफ्तारी पूरी तरह वैध तरीके से की गई है. प्रशासन के अनुसार, सोनम वांगचुक को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA), 1980 के तहत हिरासत में लिया गया.
वांगचुक की पत्नी को तुरंत दी गई सूचना
प्रशासन ने बताया कि गिरफ्तारी के दिन यानी 26 सितंबर 2025 को ही सोनम वांगचुक को एनएसए के तहत हिरासत में लिए जाने की जानकारी दी गई. इसके साथ ही उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो को भी पुलिस स्टेशन लेह के एसएचओ के माध्यम से फोन पर सूचित किया गया. डीएम ने कहा कि इस संबंध में प्रेस बयान भी उसी दिन जारी किया गया था, जिसमें वांगचुक की गिरफ्तारी और जोधपुर जेल में स्थानांतरण की जानकारी दी गई थी.
पांच दिनों के भीतर सौंपे गए गिरफ्तारी के आधार
हलफनामे के अनुसार, 29 सितंबर 2025 को गिरफ्तारी के आधार (Grounds of Detention) वांगचुक को लिखित रूप में सौंपे गए और उन्होंने इसकी प्राप्ति पर हस्ताक्षर किए. प्रशासन का दावा है कि यह कार्रवाई एनएसए की धारा 8 और संविधान के अनुच्छेद 22 के तहत निर्धारित पांच दिनों की समयसीमा में की गई.
केंद्र और राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट
डीएम ने बताया कि एनएसए की धारा 3(4) और 3(5) के तहत सभी दस्तावेज और गिरफ्तारी के कारण 5 अक्टूबर 2025 को केंद्र सरकार को भेजे गए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भी निर्धारित समयसीमा में अनुमोदन दिया है और पूरी प्रक्रिया कानून के अनुसार पूरी की गई है.
जोधपुर जेल में नियमित मेडिकल जांच
हलफनामे में कहा गया है कि गिरफ्तारी के बाद 26 सितंबर 2025 को सोनम वांगचुक की मेडिकल जांच कराई गई, जिसमें उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से फिट पाया गया. इसके बाद 27 सितंबर, 3 अक्टूबर, 4 अक्टूबर और 9 अक्टूबर 2025 को भी उनकी स्वास्थ्य जांच हुई. डीएम के अनुसार, वांगचुक ने खुद बताया कि वे किसी नियमित दवा पर नहीं हैं और किसी चिकित्सा सहायता की आवश्यकता नहीं है.
एडवाइजरी बोर्ड को भेजा गया मामला
लद्दाख प्रशासन ने एनएसए की धारा 10 के तहत मामला सलाहकार बोर्ड (Advisory Board) को भेज दिया है. बोर्ड ने 10 अक्टूबर 2025 को वांगचुक को पत्र भेजकर कहा है कि वे चाहें तो एक सप्ताह में अपनी तरफ से प्रतिवेदन (representation) दाखिल कर सकते हैं.
अभी तक नहीं किया कोई प्रतिवेदन
जिलाधिकारी ने हलफनामे में कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को अब लगभग दो सप्ताह बीत चुके हैं, लेकिन उन्होंने अब तक कोई प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया है. हालांकि, उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है, जिसकी प्रति लद्दाख प्रशासन को भी भेजी गई थी. प्रशासन ने इसे औपचारिक रूप से सलाहकार बोर्ड के समक्ष रख दिया है.
प्रशासन का दावा: गिरफ्तारी वैध और आवश्यक
जिलाधिकारी रोमिल सिंह डोंक ने अपने शपथपत्र में कहा कि उन्होंने कानून के तहत आवश्यक सतर्कता बरतते हुए यह गिरफ्तारी की है और सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया है. उन्होंने कहा कि सोनम वांगचुक को हिरासत में लेने का निर्णय पूर्णत: कानूनी, आवश्यक और राष्ट्रीय सुरक्षा हित में लिया गया था.
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