सोनबरसा। बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र सोनबरसा में सोमवार को आयोजित एक भव्य जनसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को एक नया अपमान मंत्रालय बनाना चाहिए ताकि जब भी किसी आम नागरिक या विपक्ष के नेता की ओर से कोई सवाल उठाया जाए तो उसी मंत्रालय से उसे देश का अपमान घोषित कर दिया जाए।
इस लिए है नए मंत्रालय की जरूरत
सभा में उमड़े जनसैलाब के सामने प्रियंका गांधी ने कहा प्रधानमंत्री का समय बहुत कीमती है। उनका समय देश के युवाओं को रोजगार देने किसानों की समस्याओं को सुलझाने और उद्योगों को आगे बढ़ाने में लगना चाहिए। लेकिन आज वे अपने समय का बड़ा हिस्सा विपक्ष पर टिप्पणियां करने और सवाल उठाने वालों को देशद्रोही या देश का अपमान करने वाला बताने में बिता देते हैं। इसलिए मैं उन्हें सुझाव देना चाहती हूं कि वे एक नया मंत्रालय बना लें।
मंत्रालय उस व्यक्ति को तलब करे
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा जब भी कोई नौजवान अपनी नौकरी के लिए या किसान अपनी फसल के दाम के लिए आवाज उठाए और प्रधानमंत्री को लगे कि इससे देश का अपमान हो गया है तो वही मंत्रालय उस व्यक्ति को तलब करे। इस तरह प्रधानमंत्री का समय बचेगा और वे विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
अपमानजनक टिप्पणियों का भी रिकॉर्ड रखे
प्रियंका गांधी ने आगे हंसी के साथ कहा मैं चाहती हूं कि यह मंत्रालय मेरे परिवार के खिलाफ की गई सारी गलत और अपमानजनक टिप्पणियों का भी रिकॉर्ड रखे। मेरा दावा है कि अगर ऐसा हुआ तो एक पूरी लाइब्रेरी भर जाएगी। जगह कम पड़ जाएगी इन टिप्पणियों को समेटने के लिए।
आज बेरोजगारी चरम पर है
सभा के दौरान प्रियंका गांधी ने युवाओं और किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि देश में आज बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ रही है और छोटे उद्योग बंद हो रहे हैं, लेकिन सरकार इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए विपक्ष को निशाना बनाती रहती है। जब भी कोई जनता की आवाज बनता है, तो कहा जाता है कि यह देश का अपमान है। सवाल पूछना लोकतंत्र की आत्मा है, लेकिन आज सवाल पूछना अपराध बना दिया गया है उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वे आने वाले चुनावों में उस सरकार को सबक सिखाएं जो जनता की आवाज दबाने में लगी है। प्रियंका गांधी ने कहा, यह देश किसानों, मजदूरों और युवाओं का है। सरकारें आती-जाती रहती हैं लेकिन लोकतंत्र जनता की ताकत से चलता है। अब वक्त है कि हम विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे असली मुद्दों पर बात करें न कि अपमान जैसे बेकार के बहानों पर। प्रियंका गांधी के भाषण के दौरान भीड़ में कई बार तालियों की गड़गड़ाहट गूंजी। हालांकि व्यंग्य के बीच उनका संदेश साफ था सरकार आलोचना से डरती है और जनता के असली सवालों से बच रही है। सभा के अंत में प्रियंका गांधी ने कहा हमारी लड़ाई सत्ता पाने की नहीं, सच्चाई बोलने की है। अगर सरकार को हर सच अपमान लगता है, तो सच में देश को अपमान मंत्रालय की जरूरत है।
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