South Korea President Election: साउथ कोरिया राष्ट्रपति चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ है। राष्ट्रपति चुनाव-2025 में दक्षिण कोरिया में ली जे-म्युंग (Lee Jae-myung) ने बंपर जीत हासिल की है। साउथ कोरिया में 3 जून 2025 को हुए विशेष राष्ट्रपति चुनाव में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ली जे-म्युंग, ने कंज़र्वेटिव प्रत्याशी किम मून-सू (Kim Moon-soo ) को बड़े अंतर से हराकर जीत दर्ज की है। अब तक 85% से अधिक मतगणना पूरी हो चुकी है और किम मून-सू ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। यह चुनाव पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल की तरफ से मार्शल लॉ लगाए जाने और महाभियोग के बाद कराया गया था।

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साउथ कोरिया में विशेष चुनाव की जरूरत तब पड़ी जब पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल ने 3 दिसंबर 2024 को मार्शल लॉ लागू कर दिया था, जिसने पूरे देश में लोकतंत्र की नींव हिला दी। यह दक्षिण कोरिया में 1987 में लोकतंत्र की बहाली के बाद पहली बार था, जब किसी राष्ट्रपति ने सेना का सहारा लेकर शासन करने की कोशिश की।

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ली जे-म्युंग ने अपने चुनाव प्रचार को “जनता का न्याय दिवस” कहा और यून की सरकार को अलोकतांत्रिक मानसिकता, न्यायिक संस्थाओं की अवहेलना और जनता के अधिकारों के दमन के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि जनता के आत्मसम्मान की वापसी है।

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किम मून-सू ने दी बधाई, स्वीकार की हार
यून सुक योल के करीबी और पूर्व श्रम मंत्री किम मून-सू ने अपनी हार स्वीकार की और ली को जीत की बधाई दी। किम मून-सू कंज़र्वेटिव पीपल पावर पार्टी के उम्मीदवार थे।

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संघर्षों से बने नेता
61 वर्षीय ली जे-म्युंग का जीवन संघर्षों से शुरू हुआ और सिद्धांतों से आगे बढ़ा। गरीबी में बचपन, बाल मजदूर के रूप में काम किया। खुद पढ़ाई कर कानून में डिग्री हासिल की। मानवाधिकार वकील के रूप में शुरुआत की। इसके बाद सियोंगनाम के मेयर और फिर ग्योंगगी प्रांत के गवर्नर बने।

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2022 में मिली हार
2022 के राष्ट्रपति चुनाव में ली जे-म्युंग हार गए, लेकिन राजनीति से वापस नहीं हटे। उन्होंने विपक्ष का नेतृत्व करते हुए जनता के मुद्दों को संसद और सड़कों पर उठाना जारी रखा। इस बीच उनकी जनप्रियता विशेषकर युवाओं और निम्न-मध्यम वर्ग में लगातार बढ़ती गई।

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जानलेवा हमला फिर भी डिगा नहीं हौसला
जनवरी 2024 में बुसान यात्रा के दौरान एक व्यक्ति ने ऑटोग्राफ के बहाने उनके गले पर 7 इंच लंबी चाकू से हमला किया था। उन्हें एयरलिफ्ट कर सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह हमला उन्हें डरा नहीं सका, बल्कि उनकी छवि को और मजबूत कर गया।

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दीवार फांदते हुए लोकतंत्र बचाने की कोशिश
दिसंबर 2024 के वक्त दक्षिण कोरिया में जब तत्कालीन राष्ट्रपति यून सुक योल ने देश में मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की, उस वक्त विपक्षी नेता ली जे-म्युंग ने प्रतिरोध का साहसिक रास्ता चुना। नेशनल असेंबली में प्रवेश पर जब सेना ने रोक लगाई तब ली ने दीवार फांदकर संसद में प्रवेश की कोशिश की। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को यूट्यूब लाइव किया, जो कुछ ही घंटों में वायरल हो गया। उसी दिन संसद में मार्शल लॉ को रद्द करने के लिए वोटिंग हुई।

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चुनाव के पहले क्या-क्या हुआ?

साउथ कोरिया में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का नेतृत्व ली जे-म्युंग ने किया, जिन्होंने संसद में यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया था। अप्रैल 2025 में संवैधानिक न्यायालय ने यून को पद से हटा दिया. उनके खिलाफ देशद्रोह और सत्ता के दुरुपयोग के आपराधिक मुकदमे शुरू हुए। इस राजनीतिक भूचाल के चलते जून 2025 में विशेष चुनाव कराना अनिवार्य हो गया।

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लोकतंत्र के पक्ष में जनता का निर्णायक जनादेश

इस विशेष चुनाव में 80% से अधिक मतदान हुआ, जो 1997 के बाद सबसे अधिक है। यह दर्शाता है कि जनता राजनीतिक अस्थिरता से थक चुकी थी। लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतदान केंद्रों पर उतरी और ली जे-म्युंग को नया नेता चुनने के लिए एकजुट थी। यह केवल मतदान नहीं बल्कि एक सामूहिक विद्रोह और लोकतांत्रिक आंदोलन था।
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