नई दिल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने जानकारी दी है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 26 अक्टूबर तक समाप्त हो सकता है, उसी दिन उत्तर-पूर्वी मानसून के दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीपीय भारत में सक्रिय होने की संभावना है. उत्तर-पूर्वी मानसून ज्यादातर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल के कुछ हिस्सों में बारिश लाता है.

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आईएमडी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बंगाल की खाड़ी और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत पर निचले क्षोभमंडल स्तरों में उत्तर-पूर्वी हवाओं के आने की संभावना के साथ, दक्षिण-पश्चिम मानसून के 26 अक्टूबर तक पूरे देश में समाप्त होने की संभावना है, साथ ही, उत्तर-पूर्वी मानसून की बारिश की भी संभावना है.

सामान्य रूप से 15 अक्टूबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे भारत में पूरी तरह से खत्म हो जाती है, लेकिन इस बार प्रक्रिया में देरी हो रही है. निकासी की शुरुआत भी 17 सितंबर की सामान्य तारीख के मुकाबले 6 अक्टूबर से शुरू हुई. इस बीच, दक्षिण-पश्चिम मानसून वापसी रेखा कोहिमा, सिलचर, कृष्णा नगर, बारीपदा, मलकानगिरी, नलगोंडा, बगलकोट, वेंगुर्ला से होकर गुजर रही है.

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पूर्वोत्तर भारत के शेष हिस्सों बंगाल की संपूर्ण उत्तरी खाड़ी, पश्चिम बंगाल के शेष भाग, बंगाल की मध्य खाड़ी के कुछ हिस्से, ओडिशा के शेष भाग, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्से, तेलंगाना के कुछ हिस्से, संपूर्ण गोवा, कर्नाटक के कुछ हिस्से और मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की समापित के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं.

आईएमडी ने पहले कहा था कि अरब सागर के पास केरल और तमिलनाडु पर और बंगाल की खाड़ी के पास ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट पर कम दबाव प्रणाली ने प्रक्रिया में देरी की.
कम दबाव प्रणाली और चक्रवाती हवाओं के कारण केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हुई है.