कवर्धा। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सोया दुग्ध वितरण योजना की शुरुआत कवर्धा जिले से की थी. ताकि प्रदेश के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित बच्चों को हर सोमवार को पिलाया जाए.
प्रदेश सरकार की महात्वकांक्षी योजना में से एक है लेकिन कवर्धा कचहरी पारा में संचालित पुत्री शाला के शिक्षक इस योजना को फेल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। शुक्रवार को स्कूल के सामने लगभग एक दर्जन से ज्यादा खराब सोया मिल्क को कूड़ेदान में फेंक दिया गया. खराब सोया मिल्क को मवेशी पी रहे हैं जिससे उनकी जान को खतरा बना हुआ है. जब सोया मिल्क खराब हो गया है तो उसको बाहर कूड़ादान में फेंकने की बजाय नष्ट कर दिया जाना चाहिए. लोगों द्वारा खराब सोया मिल्क फेंकने से मना करने का बाद भी स्कूल के कर्मचारी ने उसे कूड़ेदान में डाल दिया.
जिले में यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले पंडरिया में भी सोया मिल्क को फेंका गया था. एक तरफ राज्य सरकार ने सभी सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में दुग्ध पिलाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही है तो दूसरी ओर शिक्षकों द्वारा इस महात्वकांक्षी योजना को फेल करने में कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है. इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच करने की बात है. कहना है जांच करने के बाद ही कार्रवाई करने की बात कही है ।