लखनऊ. देश की संसद में सेंगोल लगाने पर अब सियासत तेज हो गई है. सपा सांसद आरके चौधरी ने स्पीकर को पत्र लिखकर पार्लियामेंट में लगे सेंगोल को हटाने की मांग की है. इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा और इंडिया गठबंधन पर हमला बोला है.
सीएम योगी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि समाजवादी पार्टी को भारतीय इतिहास या संस्कृति का कोई सम्मान नहीं है. सेंगोल पर उनके शीर्ष नेताओं की टिप्पणी निंदनीय है और उनकी अज्ञानता को दर्शाती है. यह टिप्पणी तमिल संस्कृति के प्रति इंडिया अलायंस के नफरत को भी दर्शाती है.
सपा सांसद ने सेंगोल पर उठाए सवाल
बता दें कि मोहनलालगंज से सपा सांसद आरके चौधरी ने पत्र में लिखा, ”मैं सदन की कुर्सी की दाईं ओर सेंगोल को देखकर हैरान रह गया. महोदय, हमारा संविधान भारत के लोकतंत्र का एक पवित्र दस्तावेज है, जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है. हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजा या राजघराने का महल नहीं है. मैं आग्रह करना चाहूंगा कि संसद भवन में सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए.”
अखिलेश यादव ने दी ये प्रतिक्रिया
वहीं इस मामले पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हमारे सांसद आर.के. चौधरी ने ऐसा इसलिए कहा होगा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब शपथ लेने गए थे तो प्रणाम नहीं किया था. इसलिए चौधरी को यह भावना आई कि सेंगोल को संसद से हटाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को संसद में भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति लगाने में क्या दिक्कत है.
PM माेदी ने पिछले साल नए संसद भवन में किया था स्थापति
बता दें कि नई संसद भवन के उद्घाटन के समय 28 मई 2023 को सेंगोल को स्थापित किया गया था. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे तमिलनाडु मठ से स्वीकार कर लोकसभा स्पीकर के आसन के पास स्थापित किया था. प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘सेंगोल’ राजदंड सिर्फ सत्ता का प्रतीक नहीं, बल्कि राजा के सामने हमेशा न्यायशील बने रहने और जनता के प्रति समर्पित रहने का भी प्रतीक रहा है.