मनोज उपाध्याय,मुरैना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने 6 अप्रैल को मुरैना एसपी आशुतोष बागरी (Morena SP Ashutosh Bagri) को शिकायत मिलने पर हटा दिया था. लेकिन अब भी दो हफ्ते बाद जिले को पुलिस कप्तान नहीं मिल सका है. कांग्रेस विधायक रविंद्र सिंह तोमर और भाजपा नेताओं की आपस में तालमेल नहीं होने से कप्तान को आने में देरी हो रही है. ऐसे में प्रदेश में गंभीर आपराधों के लिए पहचाने जाने वाला मुरैना जिला दो हफ्ते से बिना पुलिस कप्तान के चल रहा है. जिससे अफसर भी बिन मुखिया के काम कर रहे हैं.

दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुरैना दौरा के समय बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर एसपी आसुतोष बागरी को हटाया था. लाडली बहना योजना के शुभारंभ अवसर पर जिले के व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से बढ़ती चोरियों की शिकायत की थी. व्यापारियों की शिकायत को सीएम से गंभीरता से लिया था. उसी दिन भोपाल पहुंचकर पीएचक्यू के लिए ट्रांसफर जारी किया था.

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चंबल अंचल में लूट, डकैती, चोरी, चैन स्नेचिंग सहित हत्या, अवैध शराब, जुआ सट्ट और अवैध खनन जैसे गंभीर घटनाएं आए दिन घटित होती है. ऐसे में बिना कप्तान के जिले में पुलसिंग कैसे होगी. कैसे लोगों सुरक्षा और न्याय मिलेगा. मुरैना में नए पुलिस कप्तान को लेकर शहर में तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं. ऐसे प्रदेश सरकार की क्या मजबूरी है कि दो हफ्ते बाद भी पुलिस कप्तान की तैनाती नहीं कर पा रहे हैं. प्रदेश में शायद यह पहला अवसर होगा, जब बिना कप्तान के पुलिस दो हफ्ते से पुलिसिंग कर रही है.

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